Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2023 07:51 PM

हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान उन सभी लोगों पर दर्ज हुए मामले तुरंत वापस लिए जाएंगे जो महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों व दिशा-निर्देशों की अवहेलनाओं के दृष्टिगत दायर किए गए थे। कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोगों पर नियमों के उल्लंघन के...
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान उन सभी लोगों पर दर्ज हुए मामले तुरंत वापस लिए जाएंगे जो महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों व दिशा-निर्देशों की अवहेलनाओं के दृष्टिगत दायर किए गए थे। कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोगों पर नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से कुछ लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे थे तो कुछ परिवार के लिए राशन व दवाई का इंतजाम करने के लिए बाजार का रुख कर रहे थे। महामारी ने सभी श्रमिकों को अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर कर दिया था। कोरोना काल में जिन लोगों ने विभिन्न नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, वे साधारण लोग थे तथा उनके क्रियाकलापों में आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था। ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ही प्रदेश सरकार ने कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना के लिए दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे इन लोगों को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में कोरोना का अब एक भी मामला नहीं है तथा गत 3 दिनों से हिमाचल में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है।
लॉकडाऊन में लगाई गई थी धारा-144
कोरोना काल में पूरे देश सहित हिमाचल में भी लॉकडाऊन के दौरान धारा-144 लगाई गई थी। इस दौरान कई लोग विशेषकर श्रमिक अपने परिवार के पास जाने के लिए तथा कई राशन के लिए घर से बाहर निकले थे।
यह फैसला राजनीतिक नहीं : सूक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव भी शासन का अभिन्न अंग है। सामाजिक व पारिवारिक सरोकारों के निर्वहन में आपराधिक प्रवृत्ति नहीं होती। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार भी है।
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