Edited By Vijay, Updated: 03 Jan, 2025 06:57 PM
कहते हैं कि जिस व्यक्ति में मानवता की सेवा करने का जज्बा हो तो वह जीते जी तो इस पुण्य कार्य में लगा ही रहता है अपितु मरणोपरांत भी वह लोगों के जीवन में रोशनी लाने बारे प्रयासरत रहता है।
हमीरपुर (अजय चौहान): कहते हैं कि जिस व्यक्ति में मानवता की सेवा करने का जज्बा हो तो वह जीते जी तो इस पुण्य कार्य में लगा ही रहता है अपितु मरणोपरांत भी वह लोगों के जीवन में रोशनी लाने बारे प्रयासरत रहता है। ऐसा ही एक उदाहरण उखली क्षेत्र की ग्राम पंचायत भैल के बरोटी गांव निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग बृजलाल ने मरणोपरांत भी दुनिया के सामने पेश किया है। मरणोपरांत वह 2 दिव्यांगों के जीवन में रोशनी कर गए। उनकी आंखें 2 लोगों के जीवन में उजाला करेंगी।
बता दें कि करीब 7 साल पहले उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में अपनी आंखों को दान कर दिया था। उन्होंने इस बारे अपने परिजनों को भी अवगत करवाया था और कहा था कि जब भी वह अंतिम सांस लेंगे तो इस बारे टांडा मेडिकल काॅलेज में अवश्य सूचित करें ताकि समय रहते उनकी आंखें सुरक्षित निकाली जा सकें।
31 दिसम्बर को बृज लाल ने अंतिम सांस ली तथा उनके परिजनों ने मेडिकल काॅलेज हमीरपुर के नेत्रदान विभाग को सूचित किया। इसके उपरांत मेडिकल काॅलेज से आई रेटरीऐवल डाॅ. संजीव कृष्ण, सृष्टि और स्पोर्टिंग स्टाफ ने बरोटी पहुंचकर आंखों को प्रिजर्व किया और आईजीएमसी शिमला भेज दिया है। वहां पर एक व्यक्ति का सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि बृजलाल डाक विभाग में ब्रांच पोस्ट मास्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
इसके बारे में मेडिकल काॅलेज हमीरपुर में नेत्र विभाग के एचओडी डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि आईजीएमसी शिमला में आंखें भेजी गई हैं और वहां पर एक व्यक्ति का सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांटेशन भी हो चुका है। उन्होंने लोगों से नेत्रदान करने का आग्रह किया है। इससे पहले जिला में नादौन क्षेत्र से संबंधित 2 लोगों ने नेत्रदान किया था जबकि यह तीसरा मामला है।
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