Edited By Jyoti M, Updated: 09 Dec, 2025 12:10 PM

पुराने बस अड्डा क्षेत्र में 25 अगस्त को हुए भूस्खलन ने 8 रिहायशी परिवारों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया, लेकिन 4 महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी सुरक्षा के लिए डंगों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। इस वजह से प्रभावित परिवार आज भी अपने मकानों में खतरे...
घुमारवीं, (जम्वाल): पुराने बस अड्डा क्षेत्र में 25 अगस्त को हुए भूस्खलन ने 8 रिहायशी परिवारों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया, लेकिन 4 महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी सुरक्षा के लिए डंगों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। इस वजह से प्रभावित परिवार आज भी अपने मकानों में खतरे के साए में जी रहे हैं।
भारी बरसात से भूस्खलन से प्रभावित परिवारों में विक्रांत ठाकुर, सचिन गुप्ता, अमर सिंह, राकेश कुमार, अमित शर्मा, पुरुषोत्तम धीमान, प्रकाश धीमान, धीरज गुप्ता, सागर, राजो देवी और सुशील सोनी शामिल हैं। इन सभी लोगों के मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है तथा 5 मकान गिरने की कगार पर है, जिन्हें उस समय प्रशासन ने खाली करवा दिया था। वे लगातार भय के साए में जी रहे हैं।
पीड़ित परिवारों का कहना है कि बार-बार प्रशासन के पास शिकायत करने के बावजूद कहीं से भी स्थायी समाधान नहीं मिला है। यहां से निकाली गई बाईपास सड़क के साथ डंगे लगाने के प्रस्ताव भी अधर में लटक गए हैं। पिछले 4 महीनों में प्रशासन ने बरसात में केवल तिरपाल मुहैया करवाए हैं, जिससे अस्थायी सुरक्षा मिली है, लेकिन मकानों के गिरने का खतरा बरकरार है।
लोगों ने सरकार से जल्द सुरक्षा डंगें लगाने की मांग की है। एस.डी.एम. गौरव चौधरी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को डंगे लगाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके, इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं इससे अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।