Edited By Kuldeep, Updated: 23 Apr, 2025 05:44 PM

राज्य सरकार उद्योगों से निकलने वाले कबाड़ से करोड़ों रुपए कमाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कबाड़ का बेस प्राइज तय करेंगे। इस बेस प्राइज को तय करने के बाद सरकार की तरफ से टैक्स का रेट निर्धारित किया जाएगा।
शिमला (कुलदीप): राज्य सरकार उद्योगों से निकलने वाले कबाड़ से करोड़ों रुपए कमाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कबाड़ का बेस प्राइज तय करेंगे। इस बेस प्राइज को तय करने के बाद सरकार की तरफ से टैक्स का रेट निर्धारित किया जाएगा। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र से हर दिन अलग-अलग तरह का कबाड़ निकलता है, जिससे मोटी कमाई होती है। राज्य सरकार इससे पहले स्क्रैप पॉलिसी लाने जा रही थी, लेकिन बाद में यह मामला सिरे नहीं चढ़ा। अब बेस प्राइज तय होने के बाद उसकी बिक्री से सरकार को करोड़ों रुपए की कमाई होगी।
औद्योगिक क्षेत्र में किस प्रकार का कबाड़
औद्योगिक क्षेत्रों में कई प्रकार का कबाड़ होता है। इसमें गत्ते, स्टील, एल्युमीनियम, प्लास्टिक और लोहे का कबाड़ प्रमुख है, जिसका अलग-अलग बेस प्राइज होगा।
इस तरह तय होंगे बेस प्राइज
उद्योग विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बेस प्राइज तय करने का फाॅर्मूला तैयार करेंगे। जानकारी के अनुसार टैक्स का रेट 10 से 15 फीसदी तक हो सकता है। ऐसे में अगर स्क्रैप का बेस प्राइज 25 या 30 करोड़ रुपए तय होता है तो सरकार ठेकेदार से 10 या 15 फीसदी टैक्स के रुपए में आएंगे। यह सरकार के आय का अच्छा साधन हो सकता है।
अभी कबाड़ से कोई आय नहीं
राज्य में अभी कबाड़ से कोई आय नहीं हो रही है। इसके विपरीत कबाड़ के कारोबार से जुड़े लोग हर दिन मोटी कमाई कर रहे हैं। सरकार के ध्यान में यह भी मामला आया है कि कबाड़ पर औद्योगिक क्षेत्र में कुछ लोगों की मनमानी चल रही है। इसको तोड़ने के लिए सरकार ने कबाड़ को क्वालिटी और क्वांटिटी के हिसाब से बेस प्राइज तैयार करने को कहा है, ताकि ऐसे लोगों का एकाधिकार खत्म हो सके।