Edited By Vijay, Updated: 11 May, 2024 06:34 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 3 निर्दलीय विधायकों होशयार सिंह, केएल ठाकुर एवं आशीष शर्मा को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया इस माह (मई) के अंत में या फिर जून के पहले सप्ताह में अपना निर्णय सुनाएंगे।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 3 निर्दलीय विधायकों होशयार सिंह, केएल ठाकुर एवं आशीष शर्मा को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया इस माह (मई) के अंत में या फिर जून के पहले सप्ताह में अपना निर्णय सुनाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के 6 एवं 3 निर्दलीय विधायक काफी समय एक साथ रहे हैं। इनके ऊपर केंद्रीय सुरक्षा बल का पहरा भी रहा है, ऐसे में 3 निर्दलीय विधायकों की निष्पक्षता को लेकर सभी पहलुओं की पड़ताल करना अनिवार्य था।
किसी के पक्ष में वोट करना विधायकों का अधिकार क्षेत्र, मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधायकों ने किसके पक्ष में वोट दिया, यह उनका अधिकार क्षेत्र है तथा वह इसके ऊपर टिप्पणी भी नहीं करना चाहते। उन्होंने 3 निर्दलीय विधायकों का पक्ष सुनने के लिए उनको नोटिस भी भेजे, जिसमें वह पहली बार उपस्थित भी हुए। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा सौंपने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जो दल-बदल कानून का उल्लंघन है। इस संदर्भ में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से उनके पास याचिका भी दायर की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि निर्णय सुनाने की अवधि तय करने से पहले उन्होंने शनिवार को 30 मिनट तक निर्दलीय विधायकों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का इंतजार किया, लेकिन इस अवधि के दौरान कोई उपस्थित नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि निर्दलीय विधायकों ने गत 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था, जिसको विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से अब तक स्वीकार नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर निर्दलीय विधायकों ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी है।
हाईकोर्ट में 28 मई को होनी है सुनवाई
3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े विषय पर हाईकोर्ट में अब 28 मई सुनवाई होनी है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस मामले को लेकर कहा कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं एक अन्य न्यायाधीश के अलग-अलग मत सामने आए हैं। इस कारण अब मामला तीसरे न्यायाधीश को सुनने के लिए भेजा गया है। हालांकि अब तक हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह कहा है कि विधायकों के इस्तीफों को स्वीकार करना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का विषय है। ऐसे में जब वह अपना निर्णय सुना देंगे तो इसे न्यायिक परिधि के दायरे में रहकर चुनौती दी जा सकती है।
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