Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2025 11:12 PM
प्रदेश भाजपा 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि 2 वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा बताए....
शिमला (हैडली): प्रदेश भाजपा 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि 2 वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा बताए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार द्वारा प्राथमिकता नहीं दी गई है, उलटा सरकार द्वारा भाजपा विधायकों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने कामों के बारे में बताते हैं, लेकिन सरकार उन्हें बिल्कुल भी प्राथमिकता नहीं देती है। चुने हुए विधायकों की बजाय जनता द्वारा नकारे और हारे हुए कांग्रेस नेताओं को तवज्जो दी जा रही है।
...तो विधायक प्राथमिकता बैठक का क्या औचित्य
शिमला से जारी बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि जब विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायकों द्वारा बताई गईं प्राथमिकताओं को सुक्खू सरकार द्वारा सुनना ही नहीं है तो विधायक प्राथमिकता बैठक का क्या औचित्य है। इसीलिए भाजपा विधायक दल आगामी विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार कर रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए कार्य जो वर्तमान में पूर्ण हो रहे हैं, उनके उद्घाटन के कार्यक्रमों में भी भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें उद्घाटन के कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाया जा रहा है। उद्घाटन पट्टिका में भी उनका नाम नहीं लिखा जा रहा है। वर्तमान सरकार हर स्तर पर चुने हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का अपमान कर रही है।
पुलिस का किया जा रहा दुरुपयोग
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा राज्यसभा का चुनाव हार जाने के बाद से सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के विधायकों और नेताओं को सत्ता का दुरुपयोग कर प्रताड़ित कर रही है। सरकार सिर्फ विधायक को ही नहीं, बल्कि उनके परिवार, सगे संबंधियों और उनके व्यवसाय को भी निशाना बना रही है। भाजपा के विधायक और नेताओं को फर्जी मुकद्दमों में फंसा कर परेशान किया जा रहा है। भाजपा विधायकों को पुलिस द्वारा जांच के नाम पर 8 घंटे थाने में बिठाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार के पास हमारे विधायकों और नेताओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के कोई तथ्य नहीं हैं। सरकार की शह पर कायदे को ताक पर रखकर कानून का दुरुपयोग करने वाले अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि सत्ता और ताकत स्थायी नहीं होती हैं। इसलिए वे कानून का दुरुपयोग करने से बाज आएं। कानून का सम्मान करें और नियमानुसार काम करें।
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