टोमैटो फ्लू को लेकर हिमाचल में जारी हुआ अलर्ट

Edited By Kuldeep, Updated: 25 Aug, 2022 07:18 PM

alert issued in himachal regarding tomato flu

बाहरी राज्य में फैले टोमैटो फ्लू को लेकर हिमाचल में अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधीशों व स्वास्थ्य अधकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन एडवाइजरी जारी की
शिमला (जस्टा): बाहरी राज्य में फैले टोमैटो फ्लू को लेकर हिमाचल में अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधीशों व स्वास्थ्य अधकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी हिमाचल में टोमैटो फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन एडवाइजरी जारी कर दी है। टोमैटो फ्लू एक वायरल बीमारी है। बच्चों में देखे गए प्राथमिक लक्षण अन्य वायरल संक्रमणों के समान हैं, जिसमें बुखार, चकतेे और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। अन्य वायरल संक्रमणों की तरह इस रोग में थकान, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और आम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार शुरू होने के एक या दो दिनों के बाद छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो छाले और फिर अल्सर में बदल जाते हैं।

टोमैटो फ्लू की अभी उपलब्ध नहीं दवा
टोमैटो फ्लू एक स्व-सीमित संक्रामक रोग है, क्योंकि इसके लक्षण कुछ दिनों के बाद खत्म हो जाते हैं। यह रोग तथाकथित हाथ, पैर, मुंह की बीमारी का एक नैदानिक रूप है, जो स्कूल जाने वाले बच्चों में सामान्यत: पाया जाता है। शिशुओं और छोटे बच्चों को भी नैपिज, अशुद्ध सतहों को छूने और चीजों को सीधे मुंह में डालना से इस संक्रमण का खतरा होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है। अभी तक इस रोग की कोई विशिष्ट दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बाहरी राज्य से काफी लोगों का आना व जाना रहता है। ऐसे में यह बीमारी उनके साथ आ सकती है। लोगों को स्वयं इसको लेकर जागरूक रहना होगा। 

रोकथाम के लिए ये उपाय करें 
रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता है। आसपास की जरूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से सांझा करने से रोकना चाहिए। कुछ आवश्यक निवारक उपाय हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। जैसे संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क में आने से बचें। अपने बच्चों को इस रोग के लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, अपने बच्चे से कहें कि बुखार या दाने के लक्षण वाले बच्चों को गले न लगाएं और न ही उन्हें छुएं। इसके अतिरिक्त बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और अंगूठा या उंगली चूसने की आदत रोकने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। नाक बहने या खांसने की स्थिति में बच्चे को रुमाल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। छाले को खरोंचें या रगड़ें नहीं और हर बार जब आप इन छालों को छूते हैं तो हाथों को साबुन से धो लें। बच्चों को खूब पानी, दूध या रस, जो कुछ भी वे पसंद करते हैं, पीने के लिए प्रेरित करके उसे हाइड्रेटड रखने की कोशिश करनी चाहिए। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें, उपचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त आराम और नींद आवश्यक है। 

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