Edited By Jyoti M, Updated: 23 Dec, 2025 10:36 AM

मंगलवार की सुबह जिला मुख्यालय के क्षेत्रीय अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब अस्पताल की कैंटीन से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। जिस समय पूरा अस्पताल परिसर जागने की तैयारी में था, ठीक 6:05 बजे रसोई में भड़की आग ने वहां मौजूद कर्मचारियों और...
हिमाचल डेस्क। मंगलवार की सुबह जिला मुख्यालय के क्षेत्रीय अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब अस्पताल की कैंटीन से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। जिस समय पूरा अस्पताल परिसर जागने की तैयारी में था, ठीक 6:05 बजे रसोई में भड़की आग ने वहां मौजूद कर्मचारियों और तीमारदारों के होश उड़ा दिए। गनीमत यह रही कि दमकल विभाग ने सूचना मिलते ही बिजली की तेजी से कार्रवाई की, जिससे आग अस्पताल के वार्डों तक पहुंचने से पहले ही बुझा दी गई।
घटना का विवरण: कैसे शुरू हुई तबाही
कैंटीन में सुबह के नाश्ते की तैयारी चल रही थी, तभी एलपीजी सिलेंडर में हुए रिसाव (Gas Leakage) ने भयानक रूप ले लिया। गैस लीक होने की वजह से आग ने देखते ही देखते पूरी रसोई को अपनी आगोश में ले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कैंटीन के भीतर रखा कीमती सामान कुछ ही पलों में खाक होने लगा।
नुकसान का आकलन
हालांकि इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन संपत्ति को काफी क्षति पहुंची है।
सामान की क्षति: रसोई में रखे चूल्हे, खाना बनाने के बड़े बर्तन और राशन जलकर राख हो गए।
आर्थिक नुकसान: शुरुआती जांच में करीब ₹50,000 की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है।
मसीहा बनकर पहुंची फायर ब्रिगेड
जैसे ही अग्निशमन केंद्र को इसकी जानकारी मिली, टीम बिना वक्त गंवाए मौके पर डट गई। अगर दमकल कर्मी कुछ मिनटों की भी देरी करते, तो यह आग अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग तक फैल सकती थी, जहाँ सैकड़ों मरीज उपचाराधीन थे। फायर फाइटर्स की इसी पेशेवर कार्यकुशलता की वजह से एक बहुत बड़ी त्रासदी टल गई।
प्रशासन की कार्रवाई
हादसे के बाद पुलिस बल ने भी घटनास्थल का मुआयना किया और साक्ष्य जुटाए। इस गंभीर चूक के बाद अस्पताल प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल की दोबारा समीक्षा करें ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।