86 सहकारी समितियों को होगा कंम्पयूटीकरण: उपायुक्त

Edited By Jyoti M, Updated: 29 Sep, 2024 10:01 AM

86 cooperative societies will be computerized deputy commissioner

जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स-पीएसीएस) की कंप्यूटरीकरण परियोजना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

 

हिमाचल डेस्क। जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स-पीएसीएस) की कंप्यूटरीकरण परियोजना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में परियोजना के दूसरे चरण में 86 सहकारी समितियों का कंम्यूटीकरण किया जाएगा। इस अभियान के तहत हर प्राथमिक कृषि ऋण समिति के कंम्यूटीकरण के लिए 3.91 लाख रुपए जारी किए जाते है। पहले चरण में 38 समितियों का कंम्यूटीकरण हो चुका है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत पीएसीएस स्तर पर सामान्य लेखा प्रणाली (कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम-सीएएस) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम-एमआईएस) के कार्यान्वयन से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में शासन और पारदर्शिता में सुधार होगा। इससे ऋणों का तेजी से वितरण होने के साथ ही लेनदेन लागत कम होगी, और भुगतान में असंतुलन में कमी आएगी तथा निर्बाध लेखांकन होगा। जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) और राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) के साथ और दक्षता भी बढ़ेगी। यह किसानों के बीच पैक्स के कामकाज में विश्वसनीयता बढ़ाएगा।

इस प्रकार सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देगा। पीएसीएस- परियोजना का कम्प्यूटरीकरण प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के लिए मॉडल उपनियमों के अंतर्गत निर्धारित सभी आर्थिक गतिविधियों के लिए एक व्यापक ईआरपी समाधान प्रदान कर रहा है। इसमें लघु, मध्यम और दीर्घकालिक ऋणों के लिए वित्तीय सेवाएं, खरीद संचालन, सार्वजनिक वितरण दुकानों (पीडीएस) का संचालन, व्यवसाय योजना, भंडारण, बिक्री, उधार, परिसंपत्ति प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, जैसे विभिन्न मॉड्यूल शामिल होंगे। यह परियोजना किसानों की अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक ऋण तक पहुंच में सुधार करेगी।

इसके अलावा, विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग मॉड्यूल को शामिल करने के माध्यम से, जैसा कि पीएसीएस के लिए मॉडल उपनियमों के तहत उल्लिखित है, कम्प्यूटरीकरण भी किसानों को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों स्तर पर ही इन सेवाओं को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। यह पैक्स की आर्थिक गतिविधियों के विविधीकरण में भी मदद करेगा, जिससे किसान सदस्यों को आय के अतिरिक्त और स्थायी स्रोत प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

इस बैठक में अभिषेक वर्मा अतिरिक्त उपायुक्त, संजय शर्मा जिला प्रबंधक हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, कंचन लता कार्यकारी सहायक पंजीयक शिमला सर्कल और नाबार्ड से प्रतिनिधि विशेष तौर पर मौजूद रहे।

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