Edited By Vijay, Updated: 23 Jul, 2025 07:34 PM

प्रदेश भर में चर्चाओं में रहे चुराह विधानसभा क्षेत्र के सनवाल पंचायत में हुए मनरेगा घोटाले में आखिरकार कार्रवाई की गाड़ी तेजी से आगे बढ़ गई है। बुधवार को पुलिस ने इस बहुचर्चित मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
चम्बा (सुभानदीन): प्रदेश भर में चर्चाओं में रहे चुराह विधानसभा क्षेत्र के सनवाल पंचायत में हुए मनरेगा घोटाले में आखिरकार कार्रवाई की गाड़ी तेजी से आगे बढ़ गई है। बुधवार को पुलिस ने इस बहुचर्चित मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हाईकाेर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की दौड़ लगाने के बावजूद भी इन्हें राहत नहीं मिल पाई। एसडीपीओ सलूणी रंजन शर्मा के नेतृत्व में यह गिरफ्तारी की गई। अब गुरुवार को पुलिस इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला वर्ष 2022 से जुड़ा है। ग्राम पंचायत सनवाल में मनरेगा योजना के तहत सेब पौधारोपण में भारी अनियमितताओं की शिकायत तीसा थाना में की गई थी। शिकायतकर्त्ता ने तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों, पूर्व जिला परिषद सदस्य और एक वैंडर के खिलाफ पौधारोपण कार्यों में बड़े स्तर पर घोटाला करने के आरोप लगाए थे। इस शिकायत के बाद तीसा थाना में मामला दर्ज हुआ और धीरे-धीरे यह मुद्दा जिला से निकलकर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इस दौरान आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अग्रिम जमानत की कोशिशें करते रहे, लेकिन अदालतों ने उनके सभी प्रयास खारिज कर दिए।
सवा करोड़ में होने थे सेब पौधारोपण के 8 कार्य
शिकायत के अनुसार वर्ष 2022 में मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सनवाल में 8 सेब पौधारोपण कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिन पर कुल 1.17 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होनी थी। आरोपों के अनुसार एक प्रतिनिधि ने अपने निजी परिसर में ही करीब 5,000 सेब पौधे रख लिए थे। वैंडर द्वारा पंचायत को 48,500 पौधे दिए गए, जबकि वह विभागीय रूप से केवल 22,500 पौधे सप्लाई करने के लिए अधिकृत था। जांच में सामने आया कि पौधों की रोपाई असमान तरीके से की गई थी। उदाहरण के तौर पर एक बीघा भूमि में जहां 22 से 32 पौधे लगने चाहिए थे, वहां 310 पौधे रोपे गए थे। जांच रिपोर्ट में 19,387 पौधे रोपित पाए गए, जिनमें से अधिकतर सूख गए थे।
शिकायत सही साबित हाेने पर प्रधान को किया गया निलंबित
स्थानीय लोगों द्वारा मामला हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव तक पहुंचाया गया, जिसके बाद सरकार ने जांच बैठाई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस विभागीय कार्रवाई नहीं हुई, जिससे शिकायतकर्त्ता को पुलिस का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने बुधवार को जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें पूर्व जिला परिषद सदस्य कर्म चंद, वर्तमान पंचायत प्रधान मोहन लाल, उपप्रधान पूजा, ग्राम रोजगार सेवक मोहिंद्र सिंह, वैंडर बेग मोहम्मद, वैंडर विजय कुमार शामिल हैं। बाकी 2 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई अभी बाकी है।
क्या कहते हैं एसडीपीओ सलूणी
एसडीपीओ सलूणी रंजन शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी 6 आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की जा रही है और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है।