पौंग झील में अब तक 3409 ‘मेहमान परिंदों’ की मौत, केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 07 Jan, 2021 09:10 PM

3409 guest birds dead in pong lake

पौंग झील में बर्ड फ्लू का निरीक्षण करने आई देहरादून की पक्षी विशेषज्ञ टीम ने डॉ. सुरेश के नेतृत्व में वीरवार को केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज कर स्थिति से अवगत करवाया है। वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने वीरवार को नगरोटा...

नगरोटा सूरियां (नंदपुरी): पौंग झील में बर्ड फ्लू का निरीक्षण करने आई देहरादून की पक्षी विशेषज्ञ टीम ने डॉ. सुरेश के नेतृत्व में वीरवार को केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज कर स्थिति से अवगत करवाया है। वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने वीरवार को नगरोटा सूरियां के वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी बर्ड फ्लू से प्रभावित क्षेत्र का टीम सहित दौरा करने के उपरांत बताया कि पौंग झील में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत हो रही है।

55 कर्मचारियों की 10 टीमें बनाईं

उन्होंने कहा कि पौंग झील में बर्ड फ्लू से प्रभावित पक्षियों पर नजर रखने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने 55 कर्मचारियों की 10 टीमें बनाई गई हैं और सुरक्षा के लिए 200 पीपीई किटें भी मुहैया करवा दी हैं व फ्लू का संक्रमण टीम को प्रभावित न करे, इसके लिए टैमी फ्लू दवाई भी उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने कहा कि पौंग झील में सतर्कता बढ़ाने के लिए शीघ्र ही और टीमों का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वीरवार को 381 प्रवासी पक्षी पौंग झील क्षेत्र में मृत पाए गए। विभागीय आंकड़ों के अनुसार बर्ड फ्लू से मृत मेहमान परिंदों की संख्या 3409 पहुंच गई है।

फ्लू संक्रमित पक्षी की बीठ में 4 से लेकर 28 दिन तक रहता है संक्रमण

वन्य प्राणी विंग के डॉ. विपिन ने बताया कि फ्लू संक्रमित पक्षी की बीठ में 4 से लेकर 28 दिन तक संक्रमण रहता है। यदि तापमान 20 डिग्री सैल्सियस से ज्यादा है तो बीठ में चार दिन तक वायरस रहता है और अगर 20 डिग्री से कम तापमान है तो फ्लू का वायरस एच5एन1 28 दिन तक रहता है। पौंग झील में रैड जोन क्षेत्र में 15 पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं जो लोगों व पशुओं की आवाजाही पर नजर रखेंगे। पुलिस चौकी प्रभारी सुरिंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासनिक आदेशों के बाद झील क्षेत्र में नजर रखने के लिए पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है।

झील के किनारे बसे गांवों मृत कौवों के मिलने से दहशत

पौंग झील के किनारे बसे गांव नगरोटा सूरियां, खब्बल, सुगनाड़ा व जरोट आदि गांवों में मृत कौवों के मिलने से दहशत का माहौल है। प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू के कारण मौत की पुष्टि के बाद कौवों की मौत से लोग सहमे हुए हैं। माना जा रहा है कि कौवे मृत प्रवासी पक्षियों को खाने के बाद उड़ कर झील के किनारे बसे गांवों में आकर मर रहे हैं। नगरोटा सूरियां निवासी अश्वनी ने बताया कि जो कौवे गांव में आ कर घरों के नजदीक खेतों में आकर मर रहे हैं, विभाग उन पर भी नजर रखे। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान का कहना है कि लोग अगर घरों के पास किसी कौवे या अन्य पक्षी को मरा हुआ देखते हैं तो इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सालय में दें।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!