Edited By Kuldeep, Updated: 20 Jan, 2025 04:51 PM
बागवानी विभाग ने जम्मू-कश्मीर से अवैध रूप से लाए जा रहे करीब 33 हजार सेब, खुबानी व बादाम के पौधे पकड़े हैं।
शिमला (भूपिन्द्र): बागवानी विभाग ने जम्मू-कश्मीर से अवैध रूप से लाए जा रहे करीब 33 हजार सेब, खुबानी व बादाम के पौधे पकड़े हैं। करीब साढ़े 3 लाख की लागत के ये पौधे 2 पिकअप में लाए जा रहे थे। पिकअप के चालक इन पौधों को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस कारण इन पौधों को जब्त कर इन्हें जलाया गया है। ये पौधे कुल्लू को ले जाए जा रहे थे। हिमाचल प्रदेश में सख्ती के बावजूद बाहरी राज्यों से अवैध रूप से सेब व अन्य फलों की नर्सरी को लाने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। सर्दियों में सेब के पौधे लगाने का सीजन आते ही अवैध रूप से पौधों को लाने वाले भी सक्रीय हो जाते हैं। विभाग के अधिकारियों ने रविवार को जिला मंडी के खलियार में जम्मू-कश्मीर से सेब की पॉल्टी (नर्सरी) लाई जा रही थी।
इस दौरान बागवानी विस्तार अधिकारी ने खलियार के पास 2 पिकअप (नंबर जेके-03 एम 0640) तथा (जेके- 03 एम 4290) को पुलिस जवानों के समक्ष रोका। इन पिकअप में सवार मुश्ताक अहमद तथा फिरोज अहमद भट्ट से पुलिस व विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे लेकिन वह उचित दस्तावेज प्रस्तुत करने में नाकामयाब रहा। हालांकि विभाग ने उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। इनमें से एक पिकअप से 12 हजार तथा दूसरी से 11 हजार पौधे पकड़े गए हैं। जांच में सामने आया कि इसमें से एक पिकअप में बिल उत्तराखंड बागवानी विभाग के नाम से तथा दूसरा कुल्लू में किसी नर्सरी के नाम से था। जांच के दौरान कुल्लू से भी किसी बागवान व नर्सरी वाले ने इन पौधों को प्रमाणित नहीं किया कि उन्होंने इसे मंगवाया है। पूरी जांच करने के उपरांत विभाग ने इन पौधों को जला दिया।
बिना प्रमाणिकता के पौधे आने से राज्य में सेब व अन्य फलों के पौधों में बीमारी के फैलने की आशंका रहती है। क्योंकि बागवानी विभाग के अधिकारियों ने जब इनसे फाइटोनरी प्रमाण पत्र, जिसे विभाग या विश्वविद्यालय जारी करता है कि इन पौधों में कोई बीमारी नहीं है, मांगा तो वह इसे प्रस्तुत नहीं कर पाए। ऐसे में इन पौधों में वायरस की आशंका रहती है। पिछले सेब सीजन में राज्य में कई स्थानों पर सेब के पौधों में अल्टरनेरिया व पतझड़ रोग लग गया था। उस समय बागवानी विभाग व बागवानी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एडवाइजरी जारी की थी।