Edited By Vijay, Updated: 01 Mar, 2023 11:33 PM

नाबालिग लड़की को भगाने के आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता वर्मा की अदालत ने दोषी को 3 साल की सजा सुनाई है। दोषी को 8 हजार रुपए जुर्माना भरने के भी आदेश दिए हैं। बैजनाथ पुलिस थाने में इस संबंध में मामला दर्ज हुआ था।
धर्मशाला (ब्यूरो): नाबालिग लड़की को भगाने के आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता वर्मा की अदालत ने दोषी को 3 साल की सजा सुनाई है। दोषी को 8 हजार रुपए जुर्माना भरने के भी आदेश दिए हैं। बैजनाथ पुलिस थाने में इस संबंध में मामला दर्ज हुआ था। परिजनों ने कहा था कि आरोपी नाबालिग लड़की को 13 नवम्बर, 2016 को उसके स्कूल से चाचा बनकर उसे अवकाश दिलवाकर अपने साथ ले गया था। पीड़िता पपरोला के एक शिक्षण संस्थान पढ़ती थी और होस्टल में रहती थी। पीड़िता की मां ने शिकायत में कहा था कि 13 नवम्बर 2016 को स्कूल में जब बेटी से मिलने गई, तो बेटी वहां नहीं थी। सहेलियों व अध्यापकों से बात करने पर पता चला कि पीड़िता को उसके चाचा कहीं ले गए हैं।
रजिस्टर में एंट्री से पता लगा कि कोई बाल कृष्ण नामक व्यक्ति नाबालिग लड़की को साथ ले गया है। काफी समय तक इंतजार करने पर जब छात्रा का पता न लगा तो पीड़िता की मां ने अपने रिश्तेदारों के साथ उसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन पीड़िता नहीं मिली। इसके कुछ दिन बाद पीड़िता का फोन आया कि वह दाड़ी में खड़ी है। पीड़िता से पूछने पर उसने बताया कि देव सिंह उसका पड़ोसी उसे स्कूल से ले गया था। पीड़िता ने बताया कि देव सिंह ने उसे धर्मशाला, चामुंडा, रैत, राजल व अनुसुई इत्यादि क्षेत्रों में गलत काम करने के इरादे से रखा था। इस केस की पैरवी जिला न्यायवादी एलएम शर्मा ने की।
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