विधानसभा: 3 वर्ष के जश्न के सभी कार्यक्रम हों रद्द : जयराम

Edited By Kuldeep, Updated: 02 Dec, 2025 11:09 PM

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प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी आपदा पर चर्चा जारी रही। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार के प्रदेश में 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के मौके पर मंडी में प्रस्तावित जश्न को सरकार का अमानवीय दृष्टिकोण करार दिया।

तपोवन (धर्मशाला) (भूपिन्द्र): प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी आपदा पर चर्चा जारी रही। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार के प्रदेश में 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के मौके पर मंडी में प्रस्तावित जश्न को सरकार का अमानवीय दृष्टिकोण करार दिया। साथ ही उन्होंने सरकार के सत्ता में तीन वर्ष पूरा करने के मौके पर मंडी में होने वाले जश्न को स्थगित करने और इसके लिए कोई दूसरा स्थान चयनित करने की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी के लोग अभी भी आपदा के सदमे में हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने मंडी में यह कार्यक्रम तय कर साबित कर दिया है कि सरकार में संवेदनशीलता नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। ऐसे में सरकार बेवजह पैसा खर्च न करे। इसकी बजाय यह पैसा आपदा प्रभावितों के राहत व पुनर्वास पर खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जश्न के कार्यक्रम में लोगों को लाने का जिम्मा विभागों को दिया है। इससे बड़ी दुर्दशा क्या हो सकती है कि खाने के पैकेट और पानी की बोतलों का खर्चा राजस्व विभाग में डिजास्टर एक्ट के तहत मिले पैसों से किया जाएगा।

नियम 130 के तहत आपदा पर हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल को केंद्र से आपदा राहत के लिए अभी तक 5250 करोड़ रुपए की राशि मिल चुकी है। जयराम ठाकुर ने आपदा में केंद्र से सहयोग न मिलने के प्रदेश सरकार के आरोपों को गलत करार दिया। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को इसलिए राज्य सरकार के खाते में मांग रही है ताकि वह इस पैसे से वेतन-भत्ते दे सके और सरकार चलाने के लिए इस पैसे को खर्च कर सके। नेता प्रतिपक्ष ने मंडी में हुए कार्यक्रम में स्थानीय विधायकों को न बुलाए जाने का मुद्दा उठाया तथा कहा कि सरकार मंडी में केवल प्रधानमंत्री और उनकी आलोचना करने आए थे।

बजट में आपदा के लिए अलग से किया जाए पैसों का प्रावधान
जयराम ठाकुर ने राज्य के आने वाले बजटों में आपदा के लिए अलग से पैसे का प्रावधान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब बरसात में आने वाली आपदा डर का दूसरा नाम बन गई है। उन्होंने सरकार पर आपदा के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में डिजास्टर एक्ट लागू है, लेकिन सरकार उसके अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आपदा प्रभावितों को राहत का पूरा पैसा नहीं मिल रहा है। वर्ष 2023 के आपदा प्रभावितों को अभी तक सरकार ने दूसरी किस्त भी जारी नहीं की है।

मंडी में जश्न नहीं जन संकल्प रैली होगी : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार मंडी में सत्ता में 3 वर्ष पूरा होने पर जश्न नहीं, बल्कि जन संकल्प रैली आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस जन संकल्प रैली पर डिजास्टर फंड से कोई पैसा खर्च नहीं होगा और रैली का सारा खर्च राज्य सरकार के खजाने से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जन संकल्प रैली पर कम से कम खर्च करेगी। उन्होंने विपक्ष से सरकार की इस रैली पर टिका-टिप्पणी न करने की भी अपील की।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के केंद्रीय मदद के दावों पर कहा कि केंद्र से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के तहत हिमाचल को वर्ष 2017-18 में 260 करोड़ रुपए, वर्ष 2018-19 में 280 करोड़ रुपए, 2019-20 में 454 करोड़ रुपए और 2020-21 में 225 करोड़ रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा राहत में कोई भेदभाव नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आपदा राहत के 1500 करोड़ रुपए सीधे सरकार के खाते में आएं। उन्होंने इसके लिए भाजपा से भी सहयोग मांगा।

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