Edited By Vijay, Updated: 09 Sep, 2024 10:22 PM
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को सशक्त करने एवं किसानों का उत्थान करने के उद्देश्य से उपकर लगाने का निर्णय लिया है।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को सशक्त करने एवं किसानों का उत्थान करने के उद्देश्य से उपकर लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बिजली पर 10 पैसे प्रति यूनिट दूध उपकर लगेगा यानी इससे जुटने वाली राशि को दुग्ध उत्पादों एवं किसानों के हित में खर्च किया जाएगा। इसी तरह शून्य बिल आने वाले उपभोक्ताओं को दूध पर लगा उपकर नहीं देना होगा। साथ ही हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उद्योगों सहित 7 श्रेणी के उपभोक्ताओं से 0.02 रुपए से 6 रुपए प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लिया जाएगा।
यानी लघु उद्योगों से 0.02 रुपए प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों से 0.04 रुपए प्रति यूनिट, बड़े औद्योगिक व सीमैंट कारखानों से 0.10 रुपए प्रति यूनिट, वाणिज्यिक श्रेणी में 0.10 रुपए प्रति यूनिट, अस्थायी कनैक्शन पर 2 रुपए प्रति यूनिट, स्टोन क्रशर पर 2 रुपए प्रति यूनिट तथा विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपए प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर देना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इससे संबंधित हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक, 2024 को प्रस्तुत किया। इस विधेयक के पारित होने के बाद इसको अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा, जिसके बाद प्रदेश में बिजली पर दूध उपकर एवं पर्यावरण उपकर लगने का रास्ता साफ हो जाएगा।
विधेयक के सदन में पारित होने पर इसके ऊपर चर्चा भी हो सकती है, जिसमें विपक्ष इस संशोधन को लेकर सवाल उठा सकता है। हालांकि सरकार का मकसद साफ है कि वह दुग्ध उत्पादकों व किसानों को सशक्त करने के साथ ग्रीन एनर्जी की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है। इसी मंशा से सरकार यह संशोधन विधेयक लेकर आई है।
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