हिमालय के क्लाइमेट में लगातार परिर्वतन हिमाचल के लिए बड़ा खतरा : रिचर्ड महापात्रा

Edited By Vijay, Updated: 24 Sep, 2019 04:28 PM

workshop in shimla

हिमालय में लगातार क्लाइमेट चेंज हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े संकट की बात है। हिमाचल प्रदेश भी रेगिस्तान बनने की ओर अग्रसर है। यह बात "डाउन टू अर्थ" के प्रबंध संपादक रिचर्ड महापात्रा ने सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमैंट और डाउन टू अर्थ मैगजीन के संयुक्त...

शिमला (योगराज): हिमालय में लगातार क्लाइमेट चेंज हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े संकट की बात है। हिमाचल प्रदेश भी रेगिस्तान बनने की ओर अग्रसर है। यह बात "डाउन टू अर्थ" के प्रबंध संपादक रिचर्ड महापात्रा ने सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमैंट और डाउन टू अर्थ मैगजीन के संयुक्त तत्वावधान में "रिपोर्टिंग फ्रॉम ए ग्लोबल हॉट स्पॉट" विषय पर आयोजित 2 दिवसीय क्षेत्रीय मीडिया वर्कशॉप के दौरान कही। उन्हाेंने कहा कि हिमाचल में हर साल बर्फ गिरनी बहुत कम हो गई है, जिससे कृषि पर बड़ा असर पड़ा है। मिट्टी में नमी कम हो गई है, लोगों ने पारंपरिक फसलें बीजनी बंद कर दी हैं। बसंत में बारिश भी सामान्य से कम हो रही है। ओलावृष्टि, बादल फटने और बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं जो प्रदेश के लिए खतरे की घंटी है।
PunjabKesari, Workshop Image

हिमाचल काे अपनाना होगा अपने ही विकास का एजेंडा

उन्हाेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ सालों पहले तक मलेरिया और डेंगू नहीं होता था क्योंकि यहां पर डेंगू का मच्छर नहीं था लेकिन अब प्रदेश का वातावरण डेंगू के मच्छर के लिए अनुकूल हो गया है इसलिए यंहा पर लोग अब डेंगू से भी ग्रस्त हो रहे हैं। हिमालय काफी प्रसिद्ध है और संवेदनशील भी है। क्लाइमेट चेंज के प्रभाव से बचने के लिए हिमाचल प्रदेश को अपने ही विकास के एजेंडे को अपनाना होगा तभी प्रदेश का जल, जमीन, जंगल और वातावरण को खतरे को कम किया जा सकता है।
PunjabKesari, Workshop Image

हिमाचल में पर्यावरण के लिए रही जागरूकता

कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने किया। उन्हाेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण के लिए जागरूकता रही है। प्लास्टिक को 2009 में बंद कर दिया था 2013 में दूध और चिप्स में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को भी बंद करने का निर्णय लिया था मामला अभी सुप्रीम काेर्ट में चल रहा है। सरकार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बिना कोई भी पानी की स्कीम नहीं दे रही है। प्रदेश में पानी का प्रदूषण बड़ी समस्या है और वायु प्रदूषण की शिमला शहर में समस्या है। ई-व्हीकल नीति को लेकर सरकार विचार कर रही है।

हिमाचल ने प्राकृतिक खेती करने पर दिया बल

उन्हाेंने कहा कि खानपान में बदलाव के कारण और खाने की चीजों में कैमिकल का छिड़काव होने से लोगों को गंभीर बीमारियां हो रही है जिसे देखते हुए हिमाचल ने प्राकृतिक खेती करने पर बल दिया है। कूड़ा-कर्कट की डंपिंग भी हिमाचल में एक बड़ी समस्या है।अवैध खनन हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण के लिए चिंता की बात है इसलिए अगर कानूनी तरीके से कुछ चीजों को करने की परमिशन दे दी जाए तो लोग गैर-कानूनी तरीके से इन गतिविधियों में भाग नही लेंगे।

मीडिया की भूमिका पर हाेगी चर्चा

कार्यशाला में दो दिन तक हिमालय क्षेत्र के जलवायु परिवर्तन के कारण उत्त्पन मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी और मीडिया इसमें क्या भूमिका अदा कर सकता है इस विषय पर चर्चा की जाएगी।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!