Edited By kirti, Updated: 08 Mar, 2020 01:05 PM
अगर हौंसला हो तो उम्र और क्षेत्र मायने नहीं रखते हैं। ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश की कल्पना परमार ने। 46 वर्ष की उम्र में उनका हौंसला और हिम्मत उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो खुद को उम्र के बंधन में बांध चुकी है।
सोलन : अगर हौंसला हो तो उम्र और क्षेत्र मायने नहीं रखते हैं। ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश की कल्पना परमार ने। 46 वर्ष की उम्र में उनका हौंसला और हिम्मत उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो खुद को उम्र के बंधन में बांध चुकी है। सोलन की अंतरराष्ट्रीय धावक कल्पना परमार लंबी दूरी की दौड़ में हिमाचल का नाम रोशन कर रही हैं। वह उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो यह मानते हैं कि खेल की एक निश्चित उम्र और वर्ग होता है। वह ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में 24 अक्तूबर से 6 नवंबर, 2016 तक हुई वल्र्ड मास्टर एथलेटिक्स में एशिया का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रदेश की एकमात्र महिला हैं। वल्र्ड मास्टर एथलेटिक्स में वह अपने आयुवर्ग से 21 किलोमीटर (हॉफ मैराथन) की दौड़ लगाने वाली एकमात्र एशियन महिला थीं। इससे पहले 4 से 8 मई, 2016 तक सिंगापुर में एशियन मास्टर एथलेटिक्स में कल्पना परमार ने भारत का प्रतिनिधित्व 5 हजार मीटर व 1500 मीटर दौड़ में किया। यहां से ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में होने वाली चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ था।
नाहन में हुआ जन्म
नाहन में 27 अगस्त, 1974 को जन्मीं पिता स्वर्गीय सुखदेव सिंह परमार व माता कुसुम परमार ने अपनी बेटियों को खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। कल्पना की बड़ी बहन सीमा परमार और छोटी बहन पूनम परमार भी इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। बड़े भाई पीयूष परमार फुटबाल व शूटिंग में रुचि रखते हैं। उनके पिता स्वर्गीय सुखदेव परमार भी फुटबाॅल खिलाड़ी रहे हैं। कल्पना प्रदेश शिक्षा विभाग में इतिहास की प्रवक्ता हैं। ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोलन में तैनात हैं।
विदेशी धरती पर भी जीत चुकी हैं मेडल
सात से 14 सितंबर, 2018 तक मलेशिया के पिनांग में आयोजित एशियन पैसेफिक गेम्स में दो मेडल जीते। 10 किलोमीटर दौड़ में सिल्वर और 5 किलोमीटर कांस्य पदक जीता। विदेशी धरती पर यह पहला अवसर था, जहां मेडल हासिल किया।
इससे पहले जापान के कीटाकामी स्टेडियम में भी एशियन मास्टर गेम्स में भाग लिया। यहां बेहतर प्रदर्शन से उनका चयन फ्रांस में होने वाली इंटरनेशनल मास्टर गेम्स के लिए हुआ, लेकिन निजी कारणों से वह प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकीं।