Edited By Vijay, Updated: 23 Jan, 2025 12:42 PM
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के कसोल में स्थापित होने वाले कूड़ा संयंत्र में साडा प्रभावित पंचायतों का ही कूड़ा लिया जाए ताकि क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहे। इसे लेकर ग्राम पंचायत कसोल के ग्रामीणों ने ढालपुर में डीसी कुल्लू तोरूल एस. रवीश के साथ...
कुल्लू (दिलीप): जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के कसोल में स्थापित होने वाले कूड़ा संयंत्र में साडा प्रभावित पंचायतों का ही कूड़ा लिया जाए ताकि क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहे। इसे लेकर ग्राम पंचायत कसोल के ग्रामीणों ने ढालपुर में जिलाधीश कुल्लू तोरूल एस. रवीश के साथ मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने जिलाधीश को अवगत करवाया कि कसोल प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और कूड़ा संयंत्र के मामले में यहां सावधानी बरती जानी चाहिए। महिला मंडल की प्रधान कौशल्या देवी, महेंद्र कायस्था व अरविंद आदि ग्रामीणों ने बताया कि कसोल में जहां कूड़ा संयंत्र लगाया जा रहा है, वहां पेयजल टैंक और देवता का स्थान है, ऐसे में कूड़ा संयंत्र में अगर कोई लापरवाही बरती गई तो इससे क्षेत्र में गंदगी फैल जाएगी और पर्यटन कारोबार पर प्रभाव पड़ेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी कूड़ा संयंत्र कई जगह लगाए गए लेकिन बाद में उनकी हालत खराब हो गई, जिसका जीता-जागता उदाहरण मनाली का रंगडी कूड़ा संयंत्र है, जहां दिनभर बदबू उठती है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में कसोल में स्थापित होने वाले कूड़ा संयंत्र में साडा प्रभावित पंचायत का ही कूड़ा लिया जाए।ग्रामीणों ने कहा कि एक ओर प्रशासन जंगलों को बचाने की मुहिम चला रहा है लेकिन जहां कूड़ा संयंत्र लगाया जा रहा है वहां हरे पेड़ हैं। कूड़ा संयंत्र लगने से इसका पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में कूड़ा संयंत्र के बारे में प्रशासन को दोबारा विचार करना चाहिए।
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