Edited By Rahul Singh, Updated: 25 Aug, 2024 09:03 AM
राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य पर जिला शिमला में खेल भावना, शारीरिक फिटनेस और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिला खेल परिषद और युवा सेवा एवं खेल विभाग खेल प्रतियोगिताओं, सामुदायिक दौड़ और पर्यावरण अभियान...
शिमला। राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य पर जिला शिमला में खेल भावना, शारीरिक फिटनेस और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिला खेल परिषद और युवा सेवा एवं खेल विभाग खेल प्रतियोगिताओं, सामुदायिक दौड़ और पर्यावरण अभियान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की मेजबानी करने जा रहा है, जिसमें सभी उम्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। यह जानकारी जिला युवा सेवा एवं खेल अधिकारी शिमला राकेश धौटा ने दी। उन्होंने बताया कि शिमला जिला में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में 27 और 28 अगस्त 2024 को नेरवा (चौपाल), रामपुर और रोहड़ू में स्वच्छता और वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएंगे।
इन पहलों का उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक जिम्मेदारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने और टीम वर्क की भावना को बढ़ावा देने के लिए 29 अगस्त, 2024 को कॉलेज ग्राउंड नेरवा में कबड्डी, म्यूजिकल चेयर और रस्साकशी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। चिढ़गांव शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कलोटी में वॉलीबॉल और म्यूजिकल चेयर में रोमांचक मैच देखने को मिलेंगे, साथ ही सफाई और वृक्षारोपण भी जारी रहेंगे। ठियोग के कॉलेज ग्राउंड में वॉलीबॉल, कबड्डी, बास्केटबॉल और रस्साकशी में लोग भाग लेंगे और कार्यक्रम का समापन सामुदायिक सभा के साथ होगा।
उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों का मुख्य आकर्षण शिमला शहर में 8 किलोमीटर की सामुदायिक दौड़ होगी, जिसमें सभी वर्गों के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं। यह दौड़ 29 अगस्त, 2024 को प्रातः 7 बजे रिज मैदान से शुरू होकर समर हिल तक जाएगी और इंदिरा गांधी स्टेट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मॉल शिमला में समाप्त होगी। उन्होंने बताया कि विजेताओं को पुरस्कार तथा सभी प्रतिभागियों को जलपान प्रदान किया जाएगा ताकि अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके तथा राष्ट्रीय खेल दिवस की भावना का जश्न मनाया जा सके। यह कार्यक्रम जिला खेल परिषद तथा युवा सेवा एवं खेल विभाग की स्वस्थ एवं सक्रिय जीवन शैली को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी बल देते हैं।