Edited By Vijay, Updated: 10 Nov, 2024 06:18 PM
चम्बा जिले के प्रवेश द्वार तुनुहट्टी में बिना एपीएमसी लाइसैंस के कसमल ले जा रहे एक व्यापारी पर एपीएमसी ने जुर्माना लगाकर कड़ी कार्रवाई की है।
चम्बा (रणवीर): चम्बा जिले के प्रवेश द्वार तुनुहट्टी में बिना एपीएमसी लाइसैंस के कसमल (जड़ी-बूटी) ले जा रहे एक व्यापारी पर एपीएमसी ने जुर्माना लगाकर कड़ी कार्रवाई की है। एपीएमसी की चैक पोस्ट में एपीएमसी की टीम मौजूद थी। इस दौरान चम्बा जिले से कसमल से भरे ट्रक को बाहर ले जाया जा रहा था। टीम ने जब कसमल को ले जाने के लाइसैंस के बारे में पूछा तो उक्त ट्रक चालक कोई लाइसैंस नहीं दिखा पाया, जिस पर एपीएमसी ने 23000 रुपए का चालान किया। वहीं चालक को दोबारा चेतावनी भी दी गई कि अगर कसमल की खरीद-फरोख्त के लिए एपीएमसी का लाइसैंस नहीं बनवाया तो अगली बार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एपीएमसी के अलावा क्षेत्रीय परिवहन विभाग की तरफ से ओवरलोड होने के चलते कार्रवाई करके जुर्माना किया गया है।
बिना लाइसैंस के पहला चालान
गौरतलब है कि अब चम्बा के जंगलों में विकसित होने वाली जड़ी-बूटियों को निकालने वाले लाइसैंस धारकों के साथ अब कृषि उपज मंडी का भी लाइसैंस लेना होगा। उसके बाद फीस जमा करवाकर ही जड़ी-बूटियों को बिक्री के लिए जिले से बाहर ले जाया जा सकेगा। इसके लिए कृषि उपज मंडी ने वन विभाग के सभी भूमंडल के सभी अधिकारियों को पहले ही आदेश जारी कर दिए हैं। इससे पूर्व चम्बा में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। एपीएमसी द्वारा बिना लाइसैंस के पहला चालान किया गया है। वन विभाग द्वारा जड़ी-बूटियाें को निकालने के लिए जिन लोगों को लाइसैंस दिए गए हैं, उनसे कृषि योग्य मंडी के लाइसैंस की भी जांच करने को कहा गया है, ताकि कृषि उपज मंडी निर्धारित 1 प्रतिशत फीस ले सके।
पांगी घाटी व चुराह में पाई जाती हैं बेशकीमती जड़ी-बूटियां
जिला चम्बा में खासकर पांगी घाटी व चुराह में बेशकीमती जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिन्हें दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। कुछ समय पूर्व केंद्र और प्रदेश सरकार ने वन विभाग में वन समृद्धि-जन समृद्धि योजना शुरू की है। इस योजना के तहत लोग अपने नजदीकी जंगल में तैयार होने वाली कीमती जड़ी-बूटी की जानकारी वन विभाग के देने के साथ ही उसका दोहन कर पाएंगे।
क्या कहते हैं कृषि उपज मंडी चम्बा के सचिव
उधर, सचिव कृषि उपज मंडी चम्बा भानू प्रताप सिंह ने बताया कि बिना लाइसैंस के कसमल ले जा रहे व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मंडी की तरफ से मार्कीट फीस ली जाती है। इस बारे में वन विभाग को नोटिस जारी किया गया था कि वह एपीएमसी के लाइसैंस की जांच करें, इसके बाद जड़ी-बूटी का दोहन करने की अनुमति दें।
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