Edited By Jyoti M, Updated: 03 Dec, 2024 09:57 AM
आधुनिक सुविधाओं से लैस पैनोरमिक कोच (विस्टाडोम) वाली ट्रेन अगले वर्ष समर सीजन से विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलमार्ग पर दौड़ती नजर आएगी। इसको लेकर रेलवे प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
शिमला, (अभिषेक): आधुनिक सुविधाओं से लैस पैनोरमिक कोच (विस्टाडोम) वाली ट्रेन अगले वर्ष समर सीजन से विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलमार्ग पर दौड़ती नजर आएगी। इसको लेकर रेलवे प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले समर सीजन में रेलवे प्रबंधन इस रेलमार्ग पर पैनोरमिक कोच वाली ट्रेन के 2 सैट पटरी पर उतारेगा। इस ट्रेन के सभी ट्रायल सफल हुए हैं। अब चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सी.सी.आर.एम.) से मंजूरी मिलते ही तमाम औपचारिकताओं को पूरा करते हुए इस ट्रेन को रेलवे ट्रैक पर यात्रियों के लिए चलाया जाएगा।
इस ट्रेन के चलने से कालका व शिमला के बीच का सफर और भी रोमांचक हो जाएगा। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद कालका व शिमला के बीच टॉय ट्रेन में सफर करना रहता है और अब नई विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन के शुरू होने से पर्यटन को बहुत लाभ होगा।
सूत्रों के अनुसार यह ट्रेन अधिकतम 28 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। हालांकि पैनोरमिक विस्टाडोम कोच की अधिकतम बुक्ड स्पीड 30 किलोमीटर तय की गई है, लेकिन शिमला-कालका रेलमार्ग पर कई जगह अधिक मोड़ होने के कारण स्पीड अधिक नहीं रखी जा सकती है। इसके चलते यह ट्रेन 25 से 28 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलाई जाएगी। इससे शिमला से कालका पहुंचने में 5 घंटे से भी कम समय लगेगा। वर्तमान में जो ट्रेनें इस रेलमार्ग पर चल रही हैं, वे 23 से 25 किलोमीटर की रफ्तार पर चलती हैं और शिमला से कालका ट्रेन साढ़े 5 घंटे में पहुंचती है।
कोचिस में मॉडर्न सेफ्टी फीचर्स शामिल :
कपूरथला स्थित रेलवे कोच फैक्ट्री में इन पैनोरमिक कोच का निर्माण हुआ है। सूचना है कि शिमला-कालका रेलमार्ग के लिए 30 पैनोरमिक कोच तैयार किए हैं। इसमें 12 सीटों वाली 6 प्रथम श्रेणी ए.सी. चेयरकार, 24 सीटों वाली 6 ए.सी. चेयरकार, 30 सीटों वाली 13 नॉन- ए.सी. चेयरकार और 5 पावर/सामान/गार्ड वैन शामिल हैं। इसमें मिनी पैंटरी भी शामिल है। इन कोचिस में मॉडर्न सेफ्टी फीचर्स शामिल हैं।