Edited By Jyoti M, Updated: 07 Sep, 2025 04:06 PM

उपमंडल चुराह में बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। क्षेत्र में भूस्खलन होने से ग्राम पंचायत बोंदेड़ी के 2 गांव खतरे की जद में आ गए। मंडून एक गांव ऐसा है जहां चारों तरफ से भूस्खलन हो रहा है। इस भूस्खलन ने लोगों की मुश्किलें...
तीसा, (सुभानदीन): उपमंडल चुराह में बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। क्षेत्र में भूस्खलन होने से ग्राम पंचायत बोंदेड़ी के 2 गांव खतरे की जद में आ गए। मंडून एक गांव ऐसा है जहां चारों तरफ से भूस्खलन हो रहा है। इस भूस्खलन ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
लोगों का बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। गांव के चारों तरफ से भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। गांव के निचली तरफ एक बड़ा घारा है। इस घारे पर भूस्खलन होने से इस गांव के कई खेत नष्ट हो चुके हैं। घारे की चपेट में आने से कई उपजाऊ खेत मटियामेट हो चुके हैं। यहां कई बीघा हरी मक्की की फसल नष्ट हुई है। इस गांव में करीब 30 परिवार रहते हैं, लेकिन चारों तरफ से हो रहे भूस्खलन से पूरे गांव के लिए खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही गांव के दोनों तरफ से भी भूस्खलन हो रहा है, जिससे गांव के रास्ते बंद हो गए हैं।
इसके साथ ही एक और खतरा गांव पर मंडरा रहा है। गांव के ठीक ऊपर भूस्खलन हुआ है, जिसके मलबे की चपेट में कई खेत आ गए हैं। इसके साथ ही मलबा कई घरों के ऊपर गिर गया है। यहां मलबा आने से कुछ परिवारों ने अपने मकान भी खाली कर दिए हैं। मंडून गांव के चारों तरफ हो रहे भूस्खलन से लोग काफी परेशान हैं। इसके साथ मवेशियों पर भी संकट आ गया है। 15 दिन से मवेशी गऊशालाओं में कैद हैं। भूस्खलन से मवेशियों के रास्ते बंद हो चुके हैं।
मवेशियों को पानी भी गऊशालाओं में पिलाना पड़ रहा है। यदि भूस्खलन नहीं रुकता है तो गांव के लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। इस गांव के लोग मवेशियों के लिए चारा बड़ी मुश्किल से उपलब्ध करवा पा रहे हैं। मवेशियों को चारागाह में छोड़ने के लिए कोई रास्ते नही बचे हैं।
अंकुर ठाकुर, एस.डी.एम., चुराह का कहना है कि जानकारी मिलते ही फील्ड स्टाफ को संबंधित गांव का मौका करने के लिए भेजा गया है। प्रशासन की तरफ से प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाएगी।
सिंधु राम, प्रधान, ग्राम पंचायत बोदेंड़ी का कहना है कि मंडून गांव के चारों तरफ भूस्खलन हो रहा है, जिससे उनके रास्ते बर्बाद हो गए हैं। यही नहीं, भूस्खलन से कई घरों को खतरा पैदा हो गया है, जिससे कुछ घर खाली कर दिए हैं। भूस्खलन से मक्की के कई खेत भी नष्ट हो गए हैं। प्रशासन से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए मांग की जाएगी।