Edited By Jyoti M, Updated: 11 Aug, 2025 03:19 PM

हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में 'स्क्रब टाइफस' नामक बीमारी से एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। यह इस बीमारी से होने वाली तीसरी मौत है। मरने वाला व्यक्ति 34 वर्षीय सरोज था, जिसे गंभीर हालत में रोहड़ू के एक अस्पताल से...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में 'स्क्रब टाइफस' नामक बीमारी से एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। यह इस बीमारी से होने वाली तीसरी मौत है। मरने वाला व्यक्ति 34 वर्षीय सरोज था, जिसे गंभीर हालत में रोहड़ू के एक अस्पताल से आईजीएमसी रेफर किया गया था। उसे 8 अगस्त को आईजीएमसी में भर्ती कराया गया, जहाँ 9 अगस्त को उसकी 'स्क्रब टाइफस' की पुष्टि हुई। 10 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई।
आईजीएमसी के वरिष्ठ अधीक्षक के अनुसार, मरीज को 'सेप्सिस और सेप्टिक शॉक' जैसी गंभीर समस्याएं थीं। मृत्यु का मुख्य कारण 'स्क्रब टाइफस' के कारण होने वाला सेप्टिक शॉक था। उन्होंने बताया कि यह बीमारी अभी भी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
इससे पहले 6 अगस्त को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि आईजीएमसी में जांच किए गए 29 नमूनों में से 6 'स्क्रब टाइफस' के पॉजिटिव पाए गए थे। स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं, खासकर उन लोगों से जो ग्रामीण और जंगली इलाकों में रहते हैं, क्योंकि वहाँ 'चिगर्स' (माइट के लार्वा) के संपर्क में आने का खतरा अधिक होता है।
डॉ. राव ने लोगों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है:
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
अपने आस-पास की जगह को साफ रखें।
घरों के पास घास या खरपतवार न उगने दें।
यदि किसी को तेज बुखार, शरीर में दर्द या दाने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं।
'स्क्रब टाइफस' के बढ़ते मामलों को देखते हुए, आईजीएमसी और राज्य के अन्य सभी अस्पताल पूरी तरह से सतर्क हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस घातक बीमारी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए, जल्दी से जल्दी इसका पता लगाना और सही इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है। यह एक मौसमी संक्रमण है जो अक्सर मानसून के मौसम में फैलता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए, लोगों को पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए और उन जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहाँ 'चिगर्स' का खतरा ज्यादा हो। अगर आप किसी ऐसी जगह जाते हैं, तो लौटकर अपने कपड़ों और शरीर की अच्छे से जांच करें।