विधानसभा में उठा बढ़ी हुई बिजली की दरों का मुद्दा, जानिए ऊर्जा मंत्री ने क्या दिया जवाब

Edited By Vijay, Updated: 17 Sep, 2020 10:58 PM

the issue of increased electricity rates in the assembly

मानसून सत्र के 9वें दिन विधानसभा सदन में नियम 130 के अंतर्गत कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान और राजेंद्र राणा की तरफ से कोरोना काल में की गई बिजली की दरों में वृद्धि के मामले को लेकर प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया, जिसमें सत्तापक्ष और...

शिमला (योगराज): मानसून सत्र के 9वें दिन विधानसभा सदन में नियम 130 के अंतर्गत कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान और राजेंद्र राणा की तरफ से कोरोना काल में की गई बिजली की दरों में वृद्धि के मामले को लेकर प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया। विपक्ष के विधायकों ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौर में बिजली की दरों में वृद्धि कर जनता पर वोट डालने का काम किया है इसलिए सरकार बढ़ी हुई दरों को वापस ले और जनता को राहत दे।

चर्चा के जवाब में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश को भारी आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ा है और बिजली की दरों में इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन द्वारा अलग-अलग स्लैब में थोड़ी बढ़ौतरी की गई है लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रदेश में बिजली फिर भी सस्ती है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने 5 वर्ष के अपने कार्यकाल में बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि की है। कांग्रेस ने 0-125 यूनिट बिजली पर 40 पैसे बढ़ाए जबकि भाजपा सरकार ने अभी तक 5 पैसे, 126-300 यूनिट में कांग्रेस ने 70 पैसे और जयराम सरकार ने 1 रुपए 5 पैसे और 300 से अधिक यूनिट पर कांग्रेस ने 1 रुपए 10 पैसे जबकि जयराम सरकार ने 65 पैसे दाम बढ़ाए हैं।

उन्होंने बताया कि इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन ने कोरोना के कारण फिलहाल एक साल के लिए बढ़ौतरी निर्णय लिया और आगामी वर्ष 2021 में बिजली दरों पर पुनर्विचार किया जाएगा।

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