Himachal: तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा शहीद जवान, 'सूबेदार मेजर पवन कुमार अमर रहे' के नारों से गूंज उठा पूरा गांव

Edited By Jyoti M, Updated: 11 May, 2025 03:03 PM

the body of martyr jawan pawan kumar reached his native village

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का शाहपुर उपमंडल आज शोकाकुल है। हर आंख नम है, लेकिन हर सीने में देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले अपने बेटे के लिए गर्व भी है।

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का शाहपुर उपमंडल आज शोकाकुल है। हर आंख नम है, लेकिन हर सीने में देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले अपने बेटे के लिए गर्व भी है। झुलाड़ गांव के सपूत सूबेदार मेजर पवन कुमार जरियाल (48) बीते दिन जम्मू-कश्मीर के पुंछ सैक्टर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की नापाक गोलीबारी का जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। विडंबना देखिए कि वे मात्र 2 महीने बाद ही भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। इससे पहले ही उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया।

भारतीय सेना की 25 पंजाब रैजीमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे सूबेदार मेजर पवन कुमार की तैनाती इन दिनों जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील पुंछ सैक्टर में थी। देश की रक्षा करते हुए दुश्मन की गोलियों का सामना किया और मातृभूमि की लाज बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

आज जब उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर पैतृक गांव झुलाड़ पहुंचा, तो पूरा गांव सिसक उठा। गांव में मातम पसरा हुआ है, हर गली, हर घर से शोक की लहर उठ रही है। बावजूद इसके, हर किसी की आंखों में एक चमक थी, यह गर्व की चमक थी कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। बड़ी संख्या में ग्रामीण, रिश्तेदार और सेना के अधिकारी शहीद को अंतिम विदाई देने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। जैसे ही तिरंग में लिपटे शहीद जवान की पार्थिव गांव में पहुंची तो पूरा गांव 'सूबेदार मेजर पवन कुमार अमर रहे' 'भारत माता की जय' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारों से गूंज उठा। 

शहीद पवन कुमार का परिवार एक सैन्य पृष्ठभूमि से है। उनके पिता गरज सिंह भी भारतीय सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बेटे की शहादत की खबर सुनकर उनके पिता का कलेजा फट गया, लेकिन एक सैनिक के पिता का साहस भी दिखाई दिया। नम आंखों से उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि "शायद यही उसके भाग्य में लिखा था।" पवन कुमार अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के लिए यह क्षति इतनी बड़ी और असहनीय है कि इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शहीद पवन कुमार को श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद का यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता और ईश्वर से प्रार्थना की कि वह इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार को शक्ति प्रदान करें।

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