Breaking : हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, 26 जनवरी तक बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान

Edited By Vijay, Updated: 08 Jan, 2022 10:11 PM

teaching institute to remain closed in himachal till january 26

हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से उत्पन्न हालातों को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को 26 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई ही हो सकेगी। हालांकि इस दौरान राज्य में मेडिकल, डैंटल और नर्सिंग...

मेडिकल, डैंटल व नर्सिंग काॅलेज खुलेंगे, कोविड-19 टैस्टिंग बढ़ाने के निर्देश
शिमला (योगराज):
हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से उत्पन्न हालातों को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को 26 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई ही हो सकेगी। हालांकि इस दौरान राज्य में मेडिकल, डैंटल और नर्सिंग काॅलेज खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां सभी डीसी, एसपी व सीएमओ के साथ वीडियो कान्फ्रैंस के माध्यम से हुई वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने अधिकारियों को कोविड-19 जांच बढ़ाने, समूहों में प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने और महामारी की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के सभी प्रभावी पग उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए। उन्होंने मौजूदा समय में अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, पीपीई किट और दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की और सरकार की तरफ से लगाए गए सभी प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।

होम आइसोलेशन व्यवस्था अधिक प्रभावी हो

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान होम आइसोलेशन की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आशा कार्यकत्र्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश दिए, ताकि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित रूप से निगरानी की जा सके।

अस्पताल ले जाने में नहीं होनी चाहिए असुविधा

जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों को अस्पताल लाने व ले जाने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित होना चाहिए, ताकि उनको किसी तरह की परेशानी न आए। उन्होंने अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलैंडर और अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपात स्थिति में किसी तरह की दहशत से बचा जा सके। उन्होंने 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का तेजी से टीकाकरण करने और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकत्र्ताओं को एहतियाती खुराक लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

पर्यटकों पर नजर रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों पर नजर रखने और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से राज्य सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने का भी आग्रह किया। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि राज्य में विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव महत्वपूर्ण है।

तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर दी गई प्रस्तुति

सचिव भरत खेड़ा ने कोविड-19 की प्रत्याशित तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने सभी उपायुक्तों द्वारा अपने-अपने जिलों में पर्यटकों और आम लोगों के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, विशेष सचिव सुदेश मोक्टा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक हेमराज बैरवा, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा और डाॅ. रजनीश पठानिया मुख्यमंत्री के साथ शिमला में उपस्थित थे जबकि उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने अपने-अपने संबंधित जिलों से वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।

बर्फबारी से निपटने का भी रखें ध्यान

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को बर्फबारी के कारण कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि इस दौरान बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा सड़कों को शीघ्र बहाल करने पर ध्यान दिया जाए।

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