Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2024 07:51 PM
हिमाचन प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विदेश दौरे पर जाने को लेकर शिक्षा विभाग ने नियम तय कर लिए हैं।
शिमला (अभिषेक): हिमाचन प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विदेश दौरे पर जाने को लेकर शिक्षा विभाग ने नियम तय कर लिए हैं। तय नियमों के तहत मैरिट के अनुुसार शिक्षकों को विदेश टूअर पर भेजा जाएगा। सरकारी स्कूलों से शिक्षक मैरिट के आधार पर विदेश दौरे पर जाएंगे। तय नियमों के अनुसार शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में पिछले 5 वर्षों मेेें 100 प्रतिशत प्रतिशत रिजल्ट देने वाले शिक्षक, प्रधानाचार्य, डीपीई व लैक्चरर का चयन विदेश टूअर के लिए होगा।
शिक्षा विभाग की ओर से वीरवार को जारी किए गए आरएंडपी रूल्स के अनुसार प्रधानाचार्यों के लिए विदेश जाने के लिए तय की गई योग्यता के अनुसार वर्तमान पद पर सेवाएं देते पांच साल का समय होना चाहिए, साथ ही सेवानिवृति के लिए भी कम से कम 5 वर्ष होने चाहिए। हैडमास्टर की पिछले 5 वर्ष की एसीआर में वैरी गुड रिमार्क होना चाहिए तभी उनका चयन विदेश दौरे के लिए हो पाएगा और हैडमास्टर पर किसी भी तरह की कोई विभागीय जांच न बैठी हो। इसके अलावा लैक्चरर और डीपीई पर बोर्ड परीक्षा में पिछले 5 वर्ष में 100 प्रतिशत रिजल्ट अनिवार्य किया गया है।
प्रथम चरण में 50 शिक्षकों का चयन विदेश टूअर के लिए होगा। शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस के तहत हर वर्ष 50 शिक्षकों को विदेश टूअर पर भेजा जाएगा। इसमें 25 प्रीसिंपल, 15 लैक्चरर, 5 हैडमास्टर, 5 डीपीई का चयन का होगा। शिक्षा विभाग द्वारा नियमों व दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला उपनिदेशकों को अब मैरिट के आधार पर शिक्षकों का चयन कर रिपोर्ट भेजनी होगी। पूरी प्रक्रिया के बाद प्रैजंटेशन देने के बाद ही शिक्षकों का इंटरनेशनल टूअर पर जाने के लिए चयन होगा।
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