Edited By Vijay, Updated: 28 Mar, 2025 06:29 PM

एम्स बिलासपुर ने प्रदेश में पहली बार अवेक थायरॉइडेक्टॉमी से एक मरीज की थायराइड ग्रंथि को हटाया है। मरीज के गले में यह ग्रंथि बढ़ चुकी थी।
बिलासपुर (बंशीधर): एम्स बिलासपुर ने प्रदेश में पहली बार अवेक थायरॉइडेक्टॉमी से एक मरीज की थायराइड ग्रंथि को हटाया है। मरीज के गले में यह ग्रंथि बढ़ चुकी थी। एम्स-बिलासपुर के कैंसर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डाॅ. चित्रेश शर्मा के नेतृत्व में डाॅक्टरों की टीम ने पहली बार इस तकनीक से सफल ऑप्रेशन किया।
जानकारी के मुताबिक एम्स बिलासपुर में उपचाराधीन एक महिला के रैट्रोस्टर्नल क्षेत्र में थायराइड मांस बढ़ गया था। यह मरीज एनैस्थीसिया के लिए फिट नहीं थी, क्योंकि उसके पास कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जो पारंपरिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों के लिए गंभीर जोखिम उत्पन्न कर सकती थीं। मरीज के गले में बढ़े मांस और उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रारंभिक तौर पर विशेषज्ञों ने कार्डियोपल्मोनरी बाइपास की आवश्यकता पर विचार किया, क्योंकि मांस का स्थान सर्जरी को विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बना रहा था।
एनैस्थीसिया सहन करने की असमर्थता को देखते हुए डाॅ. चित्रेश की ओर से उनकी टीम ने अवेक थायरॉइडेक्टॉमी करने का निर्णय लिया। इसके लिए सामान्य एनैस्थीसिया किया गया, ताकि मरीज सर्जरी के दौरान जागृत रहे तथा जान का जोखिम कम हो सके। इसके बाद टीम ने ऑप्रेशन सफलतापूर्वक किया और थायराइड मांस निकाल दिया।
यहां बता दें कि इस पद्धति में डाॅ. चित्रेश को काफी अनुभव है। एम्स दिल्ली में रहते हुए उन्होंने अवेक थायरॉइडेक्टॉमी से 100 ऑप्रेशन किए हैं। उन्होंने बताया कि यह एम्स बिलासपुर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इसके अलावा यह चिकित्सा में नवाचार का एक प्रतीक बन गया है।
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