सुल्तानपुर स्कूल के विद्याॢथयों ने बनाई मिट्टी की मूर्तियां व खिलौने

Edited By Kaku Chauhan, Updated: 18 Sep, 2021 05:16 PM

students of sultanpur school made clay idols and toys

राजकीय माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर चम्बा के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। स्कूली विद्याॢथयों ने मिट्टी से खिलौने बनाकर प्रतिभा दिखाई हैं। छठी कक्षा की मीनाक्षी, 7वीं कक्षा की भूमिका व तुषार, 8वीं कक्षा...

चम्बा (सुशील): राजकीय माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर चम्बा के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। स्कूली विद्याॢथयों ने मिट्टी से खिलौने बनाकर प्रतिभा दिखाई हैं। छठी कक्षा की मीनाक्षी, 7वीं कक्षा की भूमिका व तुषार, 8वीं कक्षा का नरेंद्र और स्नेहा ने मिट्टी को आकार देकर विभिन्न आकृतियां बनाई हैं। इसमें शिवङ्क्षलग, श्री गणपित, महात्मा बुद्ध भगवान की मूर्तियां व बर्तन अन्य खिलौने शामिल हैं। शिक्षिका मोनिका की देखरेख में यह खूबसूरत मिट्टी के खिलौने बनाए गए हैं। विद्यार्थी कागज की जगह अब इन मिट्टी की मूर्तियों में रंग भरने लगे हैं।

लॉकडाउन की दूसरी लहर में समय ब्यर्थ न गंवाते हुए विद्याॢथयों ने मिट्टी से खिलौने व छोटी-छोटी मूर्तियां बनाना सीखा है। अब मोहल्लावासी व रिश्तेदारों में इन खिलौनों की खूब चर्चा हो रही हैं। इसका श्रेय विद्यालय के अध्यापकों को जाता है। अध्यापक विद्याॢथयों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां करवा रहे हैं। पढ़ाई के साथ विद्याॢथयों को खिलौने व अन्य खेलों के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं, ताकि विद्यार्थी नशे से दूर रहे और कोरोना महामारी के चलते उनका समय बर्बाद न हो। बचपन से मिट्टी में खेलने और उससे कुछ बनाने का शौक सबका रहा है। आज बच्चे अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। इस कार्य में स्कूल स्टाफ का काफी सहयोग भी मिल रहा हैं। बच्चों को आजकल खेलने एवं मोबाइल, टी.वी. देखने से फुर्सत नहीं मिलती।

राजकीय माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर के विद्याॢथयों ने मिट्टी से मूॢतयां व खिलौने बनाने का हुनर सीख लिया है। विद्यालय की प्रभारी मोनिका ने बताया कि बच्चे फ्री समय का मिट्टी से मूर्तियां बनाने एवं महापुरुषों की किताबें पढऩे में बिताते हैं। विद्याॢथयों ने बताया कि हमें अपना समय टी.वी, मोबाइल देखने में व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उसे पढ़ाई करने एवं अपनी हॉबी को विकसित करने में खर्च करना चाहिए। भाषा अध्यापक राम प्रकाश विद्याॢथयों को खिलौने बनाने की प्रेरणा सिंधु घाटी की सभ्यता के अध्याय के अध्ययन के बाद मिली। स्कूल प्रभारी मोनिका ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते विद्याॢथयों ने अपना समय मूॢतयां बनाने में व्यतीत किया है।

 

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