Shimla: वैटलैंड व झीलें आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 30 Aug, 2024 10:41 PM

shimla wetlands lakes existence

वैटलैंड व झीलें हमारे समाज और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वैटलैंड्स के महत्व पर आधारित ये फिल्में युवाओं को इनके संरक्षण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी।

शिमला (अम्बादत्त): वैटलैंड व झीलें हमारे समाज और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वैटलैंड्स के महत्व पर आधारित ये फिल्में युवाओं को इनके संरक्षण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को वैटलैंड्स फॉर लाइफ फिल्मोत्सव एवं फोरम का शुभारम्भ करने के दौरान कहीं। हिमाचल प्रदेश राज्य वैटलैंड प्राधिकरण, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद और पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इस फिल्म उत्सव के दौरान गार्डियन्स ऑफ वैडलैंड्स, वूमैन एज स्टीवडर्स ऑफ कंजरवेशन, ग्रीन रेणुका जी फेयर ए कलैक्टिव एंडेवर ऑफ रेणुका लेक और म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट अराऊंड वैटलैंड्स इन हिमाचल, इनिशिएटिव ऑफ हीलिंग हिमालयाज सहित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के फिल्म उत्सव वैटलैंड के महत्व और इससे सम्बंधित मुद्दों को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि वैटलैंड्स पृथ्वी की सतह के 6 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं, इसके बावजूद दुनिया में पाई जाने वाली लगभग 40 प्रतिशत पौधों और जीव-जन्तुओं की अनके प्रजातियों की यह निवास स्थली है। उन्होंने कहा कि समृद्ध जैव विविधता के अतिरिक्त ये वैटलैंड्स प्रदेश के लोगों को पानी, भोजन और आजीविका उपलब्ध करवाते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पर्यावरणविद् एवं पीपुल्स साइंस इंस्टीच्यूट के संस्थापक डा. रवि चोपड़ा और विषय विशेषज्ञ एवं नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफैसर डा. सोमनाथ बंदोपाध्याय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदेश की नैसर्गिक सुन्दरता और पारिस्थितकीय तंत्र संतुलन के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले साल प्राकृतिक आपदा के गहरे जख्मों का सामना किया। आपदा के कारण प्रदेश का हर भाग प्रभावित हुआ। वर्तमान में किन्नौर और लाहौल-स्पीति में अत्याधिक बारिश हो रही है जबकि वहां पहले बारिश नहीं होती थी। कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण में हो रहे बदलावों के फलस्वरूप पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है और ग्लोबल वार्मिंग से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य हिमाचल को पर्यावरण की दृष्टि से सुन्दर एवं स्वच्छ राज्य बनाना है जिससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के प्रदेश में जीवाश्म इंधनों पर निर्भरता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ई-बसें खरीदने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम को 300 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त सोलन जिला के नालागढ़ में एक मैगावाट क्षमता की ग्रीन हाइड्रोकार्बन परियोजना का शीघ्र ही शिलान्यास किया जाएगा।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!