Edited By Kuldeep, Updated: 16 Apr, 2025 06:16 PM

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य की नीलामी प्रक्रिया से वंचित हुए 240 शराब ठेकों को अब सरकार ने सरकारी काॅर्पोरेशन के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है।
शिमला (संतोश): उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य की नीलामी प्रक्रिया से वंचित हुए 240 शराब ठेकों को अब सरकार ने सरकारी काॅर्पोरेशन के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है। दो बार नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद भी प्रदेश में करीब 240 शराब के ठेकों की नीलामी नहीं हो पाई है। अब सरकारी एजैंसियां हिमफैड, एचपीएमसी, वन निगम, सिविल सप्लाई काॅर्पोरेशन व नगर निगम शराब के बचे हुए ठेकों को चलाएंगे। वह बुधवार को शिमला में मीडिया से रू-ब-रू हुए थे। उन्होंने कहा कि नीलामी के बाद जो ठेके रह गए उनको अब एग्रो इंडस्ट्री काॅर्पोरेशन, हिमफेड और एसआईडीसी के माध्यम से चलाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा बैठक में फैसला ले लिया है और एक-दो दिन में इन ठेकों में शराब बिकनी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शराब के ठेकों की नीलामी से 2,850 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हिमाचल में शराब के ठेकों की संख्या 2100 है, जिनकी नीलामी की प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू की गई थी, लेकिन इस दौरान प्रदेश भर में 1700 के करीब शराब के ठेके ही नीलाम हो पाए, जबकि पांच जिलों में 460 के करीब ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी थी, जिसे देखते हुए सरकार ने फिर से शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था। इसके लिए सरकार ने पूरे यूनिट के लिए नहीं, अपितु सिंगल ठेके की बिक्री के लिए टैंडर लगाए थे, जिसके लिए आवेदन के साथ 50 हजार की अर्नेस्ट मनी जमा करने का निर्णय लिया गया था। इनकी नीलामी के लिए सरकार ने 9 और 10 अप्रैल को टैंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन इसके बावजूद भी करीब 240 शराब के ठेके नीलाम होने से रह गए थे, परिणामस्वरूप सरकार ने अब निगम और काॅर्पोरेशन के माध्यम से शराब की बिक्री का निर्णय लिया है।