Edited By Kuldeep, Updated: 21 Mar, 2025 10:50 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह विभिन्न अदालतों सहित जिला एवं तहसील कार्यालयों में सेवाएं दे रहे स्टाम्प विक्रेताओं की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर निर्णय ले।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह विभिन्न अदालतों सहित जिला एवं तहसील कार्यालयों में सेवाएं दे रहे स्टाम्प विक्रेताओं की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर निर्णय ले। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने स्टाम्प वैंडर यूनियन द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए। कोर्ट ने आदेश दिए कि याचिकाकर्त्ताओं को उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में अधिकारियों के समक्ष एक नया अभ्यावेदन दाखिल करने दिया जाए और याचिकाकर्त्ताओं को व्यक्तिगत रूप से सुनने के बाद अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि याचिका के माध्यम से उठाए गए सभी मुद्दों को याचिकाकर्त्ताओं द्वारा संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन में उठाया जा सकता है, जो अभ्यावेदन प्राप्त होने की तारीख से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर उस पर निर्णय लेंगे, जिसे याचिकाकर्त्ताओं द्वारा आज से दो सप्ताह के भीतर दायर किया जाना चाहिए। स्टाम्प विक्रेताओं ने मांग की थी कि प्रतिवादी राज्य को निर्देश जारी किए जाएं कि वह हिमाचल प्रदेश में ई-स्टाम्पिंग बेचने के लिए केवल लाइसैंसधारी स्टाम्प विक्रेताओं को ही अधिकृत करे, क्योंकि उनकी संख्या 1000 है और पिछले 20-30 वर्षों से वे स्टाम्प विक्रेताओं का कार्य कर रहे हैं और 2010 तक वे हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार के पास केवल राजस्व संग्रह केंद्र थे और स्टाम्प बेचकर अपनी आजीविका कमा रहे हैं।
प्रार्थियों ने हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालयों, मंडलों और उपमंडलों, जिनमें डल्हौजी, भरमौर, काजा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और दूरदराज के उपमंडल शामिल हैं, जहां बिजली और इंटरनैट का डेटा सर्वर चालू/कार्यात्मक नहीं है, सभी स्टांप विक्रेताओं को ई-स्टांपिंग प्रणाली लागू करने से पहले बैठने की सुविधा, बिजली कनेक्शन, इंटरनैट का डेटा सर्वर कनैक्शन प्रदान करने की मांग की है, ताकि स्टांप विक्रेता ई-स्टांपिंग कार्य कुशलतापूर्वक कर सकें, क्योंकि पेड़ों के नीचे बैठकर प्रिंटर और लैपटॉप की व्यवस्था, बिजली कनैक्शन और इंटरनैट कनैक्शन के बिना संचालित नहीं हो सकती। प्रार्थियों ने लोकमित्र केन्द्र स्टाम्प विक्रेताओं को आबंटित करने की मांग की है जिससे उनकी शिकायतें दूर हो जाएंगी तथा वे अपनी आजीविका कमाने की स्थिति में आ जाएंगे। प्रार्थियों ने प्रतिवादी राज्य को स्टाम्प विक्रेताओं के पारिश्रमिक/कमीशन को बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मांग को स्वीकार करने के आदेशों की मांग भी की थी।