Shimla: सचिवालय कर्मचारी नेताओं ने अभद्र भाषा का प्रयोग कर की कंडक्ट रूल की अनदेखी : धर्माणी

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Aug, 2024 06:00 PM

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तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने सचिवालय कर्मचारी नेताओं पर सीएम, मंत्री व सीएस के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया तथा कहा कि इन नेताओं ने अभद्र भाषा का प्रयोग करके कंडक्ट रूल व नियमों की अन्देखी की है।

शिमला (भूपिन्द्र): तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने सचिवालय कर्मचारी नेताओं पर सीएम, मंत्री व सीएस के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया तथा कहा कि इन नेताओं ने अभद्र भाषा का प्रयोग करके कंडक्ट रूल व नियमों की अन्देखी की है। उन्होंने सचिवालय कर्मचारियों पर सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों के हाथों में खेलने का आरोप भी लगाया तथा कहा कि अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए अन्य कर्मचारियों का प्रयोग करना सही नहीं है। यह बात उन्होंने शनिवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग देने को तैयार है।

सचिवालय व अन्य अधिकांश कर्मचारी सरकार की कार्यशैली से संतुष्ट हैं, सचिवालय के केवल 3-4 लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। इनमें से एक कर्मचारी उनके पास निजी स्टाफ में लगाने की मांग लेकर आया था, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के कारण उसे वह अपने साथ नहीं लगा पाए। उसने भी अपने भाषण में अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों के हाथों में खेल रहे हैं तथा बाकी कर्मचारियों को मोहरा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों ने बिना मांग पत्र के हल्ला बोला तथा जिस भाषा का प्रयोग किया वह सारी मर्यादा को तोड़ता है। उन्हें इस तरह की भाषा का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है।

महासंघ के अध्यक्ष दे रहे प्रमाण पत्र
धर्माणी ने कहा कि सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सीएम, मंत्री व सीएस को प्रमाणपत्र दे रहे हैं कि फलां व्यक्ति नालायक है। उनके प्रमाण पत्र की किसी को आवश्यकता नहीं है। उन्होंने जिस भाषा शैली का प्रयोग किया है वह सही नहीं है। उम्मीद है कि उन्होंने कंडक्ट रूल पढ़े होंगे। वह सीएस को नालायक तथा उन्हें कह रहे हैं कि वह मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। उन्हें मंत्री घुमारवीं की जनता तथा पार्टी हाईकमान ने बनाया है। उन्होंने जिस भाषा का प्रयोग किया, ऐसी भाषा गुंडे-मवाली भी नहीं करते हैं।

कर्मचारियों को बिना मांगे दिए लाभ
धर्माणी ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को बिना मांगे लाभ दिए हैं। लेकिन प्रदेश के संसाधनों पर प्रदेश के हर नागरिक का अधिकार है। कांग्रेस सरकार कर्मचारी हितैषी है। आज दो महासंघों ने सीएम से बैठक की तथा कर्मचारियों ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया तथा कहा कि उन्हें डीए की जल्दबाजी नहीं है।

वेतन-भत्ते में कटौती को तैयार, कर्मचारी करे सहयोग
कर्मचारियों के वेतन व भत्ते वाले आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह वेतन व भत्ते छोड़ने काे तैयार हैं, लेकिन इसमें कर्मचारी भी सहयोग करे। 58 हजार करोड़ का बजट है, इसमें से 45 फीसदी वेतन व भत्ते पर खर्च होता है तथा सीएम, मंत्री व विधायक पर मात्र 25 करोड़ ही खर्च होता है।

ये भी कहा
-सीएम, विधायक की बराबरी नहीं कर सकते कर्मचारी।
-यदि सरकारी खजाने में पैसा नहीं होगा तो सभी को नुक्सान उठाना पड़ेगा।
-नेतागिरी के चक्कर में कर्मचारियों को गुमराह न करें व प्रदेश का माहौल खराब न करें कर्मचारी नेता।
- सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं।
-अचानक धावा बोलने के पीछे षड्यंत्र दिखता है।
-सचिवालय कर्मचारियों को स्टेट कैडर में लाने पर नहीं हुई चर्चा, लेकिन विकल्प खुले हैं।

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