Shimla: शत्रु देश का साथ देने वाले तुर्की के साथ व्यापार समझौता हो रद्द : राठौर

Edited By Kuldeep, Updated: 12 May, 2025 07:12 PM

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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान जिस तरह से तुर्की शत्रु देश के साथ खड़ा हुआ, उसको देखते हुए केंद्र सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

शिमला (राक्टा): भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान जिस तरह से तुर्की शत्रु देश के साथ खड़ा हुआ, उसको देखते हुए केंद्र सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। साथ ही भारत को तुर्की के साथ तत्काल व्यापार समझौता रद्द कर देना चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सोमवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जब तुर्की एक भीषण भूकंप से जूझ रहा था, तब भारत ने ऑप्रेशन दोस्त के माध्यम से सबसे पहले सहायता पहुंचाई। भारत सरकार ने न केवल एनडीआरएफ की टीमें भेजीं, बल्कि अत्याधुनिक गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन और संशोधित किसान ड्रोन के माध्यम से दवाएं व खाद्य सामग्री तक तुर्की को भेजी।

इसके विपरीत संकट की घड़ी में मदद पाने वाले तुर्की ने पाकिस्तान को सहायता प्रदान कर भारत की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया। ऐसे में कब तक सांप का दूध पिलाने का काम होगा। राठौर ने कहा कि तुर्की और पाकिस्तान मिलकर ड्रोन बना रहे हैं, ऐसे में भारत की विदेश नीति पर भी प्रश्न खड़ा होता है। राठौर ने कहा कि इस मामले में सभी सांसदों के साथ ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल को भी अपना और पार्टी का स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।

डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीट प्रस्ताव के खिलाफ
राठौर ने कहा कि संकट के समय कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। ऑप्रेशन सिंदूर को भी कांग्रेस ने समर्थन किया है। आज जरूरत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा में पूरे मामले पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर तब अजीब लगा, जब अमेरिका के राष्ट्रपति का एक ट्वीट आया। पाकिस्तान के साथ विवाद द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाना चाहिए। वर्ष 1994 में जो प्रस्ताव पारित हुआ है, उसके स्पष्ट है कि हम तीसरे का हस्तक्षेप नहीं मानेंगे। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीट संसद में पारित प्रस्ताव के खिलाफ है।

12 बिलियन डॉलर का कारोबार
राठौर ने कहा कि वर्ष 2023 में 1,29,862 मीट्रिक टन सेब तुर्की से आयात किया गया है, जिसका मूल्य 822 करोड़ के आसपास बनता है। पिछले वर्ष 3.3 लाख पर्यटक भारत से तुर्की गए। कुल मिलाकर 12 बिलियन डॉलर का कारोबार तुर्की से भारत करता है। राठौर ने कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड के साथ ही जम्मू कश्मीर की आर्थिकी सेब पर आधारित है। ऐसे में क्या हम अपने बागवानों की उपेक्षा नहीं कर रहे हैं। आरोप लगाया कि अफगानिस्तान के रास्ते ईरान और तुर्की का सेब बिना किसी ड्यूटी के चोर रास्ते से भारत पहुंच रहा है।

 

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