Edited By Kuldeep, Updated: 22 Jan, 2025 09:50 PM
जब सरकार पैसे ही अदा नहीं करेगी तो कैसे बिलों की अदायगी होगी, क्योंकि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने सरकारी स्कूलों की ग्रांट ही रोक दी है।
शिमला (हैडली): जब सरकार पैसे ही अदा नहीं करेगी तो कैसे बिलों की अदायगी होगी, क्योंकि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने सरकारी स्कूलों की ग्रांट ही रोक दी है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यहां से जारी बयान में कही और स्कूलों की बिजली काटने पर सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा दिए जाने वाले समग्र शिक्षा अभियान का बजट भी अन्य कार्यों के लिए डायवर्ट कर दिया है, जिसके चलते स्कूलों में शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कार्यों के लिए दिए जाने वाला बजट स्कूलों को नहीं मिल पा रहा है, जिससे विद्यालयों की बहुत सारी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
स्कूलों द्वारा बिजली का बिल भी नहीं भरा जा रहा है और नतीजन सरकारी स्कूलों के बिजली कनैक्शन काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरीके के मामले बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जब सरकार द्वारा विद्यालयों को पैसा दिया ही नहीं जाएगा तो स्कूलों का बिजली बिल कैसे जमा किया जाएगा? वह मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि इस मामले में वह दखल दें और विद्यालयों को उनके खर्च के लिए दिए जाने वाले अनुदान को जल्दी से जल्दी विद्यालयों को प्रदान करें। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र के कई अध्यापकों द्वारा बताया गया कि उन्होंने अपने वेतन से ही बिजली बिल का भुगतान किया है, ताकि उनके विद्यालय का कनैक्शन न कटने पाए।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का यह शर्मनाक नमूना है। एक तरफ सरकार हजारों की संख्या में स्कूलों को बंद कर चुकी है और जो स्कूल चल रहे हैं, उन्हें भी सुक्खू सरकार की नाकामी की वजह से विभिन्न प्रकार से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों को बिजली बिल समेत अन्य खर्चों के लिए वित्तीय अनुदान देने का काम सरकार का है, लेकिन सरकार की प्राथमिकता में कहीं भी शिक्षा और स्वास्थ्य नजर नहीं आते हैं।