Shimla: राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा को राहत प्रदान करेगी सरकार

Edited By Kuldeep, Updated: 01 Dec, 2024 09:22 PM

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राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा से संबंधित भूमि हस्तांतरण के मामले पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को अधिकारियों के साथ ओक ओवर में उच्च स्तरीय बैठक की।

शिमला (राक्टा): राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा से संबंधित भूमि हस्तांतरण के मामले पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को अधिकारियों के साथ ओक ओवर में उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चैरिटेबल अस्पताल भोटा को राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अस्पताल को कार्यशील रखना चाहती है ताकि आसपास के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें। ऐसे में राज्य सरकार धर्मशाला में आगामी 18 दिसम्बर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को संशोधन विधेयक का मसौदा तुरंत तैयार करने और उसे मंत्रिमंडल की आगामी बैठक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार ने शुरू में संगठन को राहत देने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार किया था लेकिन विधानसभा सत्र के शीघ्र ही आयोजित होने के कारण संशोधन विधेयक पेश करना अधिक व्यवहार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा की भूमि से संबंधित मामला करीब एक दशक से अनसुलझा है। भाजपा के कार्यकाल के दौरान भी वर्ष 2019 में इस मामले पर चर्चा हुई थी।

राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने तत्कालीन भाजपा सरकार से राहत की मांग भी की थी लेकिन कोई हल नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार जनहित में उचित कदम उठाएगी और लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाएगा। बैठक में विधायक सुरेश कुमार और कमलेश ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन और विधि सचिव शरद कुमार लगवाल मौजूद थे।

19 दिसम्बर को सदन में होगी चर्चा
सरकार शीतकालीन सत्र के पहले दिन 18 दिसम्बर को सदन में लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेगी। इसके बाद 19 दिसम्बर को विधानसभा में चर्चा के बाद विधेयक पारित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय की स्थानीय जनता ने सराहना की है।

3 जिलों को मिलती हैं सेवाएं
इस अस्पताल में प्रमुख रूप से 3 जिलों हमीरपुर, बिलासपुर व ऊना के लोगों को सुविधा मिलती है। यहां पर कई बीमारियों के ऑप्रेशन करने अलावा अन्य तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में रोजाना सैंकड़ों की संख्या में ओपीडी भी होती है। इस संस्थान ने कोविड-19 के दौर में भी अपनी बेहतर सुविधाएं प्रदान की हैं। यह अस्पताल भोटा में वर्ष 1999 से चला हुआ है।

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