Edited By Kuldeep, Updated: 30 Jun, 2025 04:21 PM

राजधानी शिमला में हो रही मूसलाधार बारिश से शहर को जलापूर्ति करने वाली गिरि, गुम्मा, चुरट, सियोग, चैयड़ और कोटी बरांडी परियोजनाओं में भारी मात्रा में गाद जमने से लिफ्टिंग ठप्प हो गई है।
शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में हो रही मूसलाधार बारिश से शहर को जलापूर्ति करने वाली गिरि, गुम्मा, चुरट, सियोग, चैयड़ और कोटी बरांडी परियोजनाओं में भारी मात्रा में गाद जमने से लिफ्टिंग ठप्प हो गई है। इसके कारण शहर में सोमवार को वाटर सप्लाई पूरी तरह से बाधित रही है। गिरि और गुम्मा में गाद की मात्रा अधिक होने से दूसरे दिन भी पंपिंग शुरू नहीं हो पाई है।
जल प्रबंधन कंपनी ने शहर में वाटर सप्लाई शैड्यूल भी बदल दिया है। बरसात में परियोजनाओं में गाद जमने के कारण आपूर्ति बाधित हो रही है, ऐसे में अब शिमला शहर में पानी की राशनिंग भी शुरू हो गई है। अब लोगों को एक दिन छोड़कर यानी तीसरे दिन पानी की आपूर्ति मिलेगी। अब तक कंपनी सप्ताह में पांच दिन जलापूर्ति करने का दावा कर रही थी, लेकिन सिल्ट की समस्या शुरू होते ही अब एक दिन छोड़कर बरसात में लोगों को पानी मिलेगा। जल प्रबंधन कंपनी का कहना है कि बारिश का दौर लगातार जारी है, इससे गिरि में गाद की समस्या बढ़ गई है, वहीं गुम्मा में भी गाद अधिक है, ऐसे में सोमवार को भी दोनों ही बड़ी परियोजनाओं से पंपिंग शुरू नहीं हो पाई है।
गिरि में कुछ देर के लिए पंप चले थे, लेकिन बारिश होने से गाद का स्तर अधिक बढ़ने के बाद पंपिंग को बंद करना पड़ा है। ऐसे में शहर में अधिकतर क्षेत्रों में जलापूर्ति नहीं हो पाई है। कंपनी के एजीएम दिनेश भारद्वाज ने कहा कि बारिश होने से गिरि में बीच में ही पंपिंग को बंद करना पड़ा है। गिरि और गुम्मा दोनों ही योजनाओं से 10 एमएलडी पानी भी शहर को नहीं मिल पाया है, जबकि छोटी परियोजनाएं बंद पड़ी हुई हैं। कंपनी का कहना है कि जैसे ही गाद का लेवल कम होगा, वैसे ही लिफ्टिंग को शुरू कर जलापूर्ति को सामान्य बनाने का प्रयास किया जाएगा।
15 मिनट तक उबाल कर पिएं पानी
राजधानी शिमला में गाद के कारण पानी में मिट्टी के कण अधिक रहने से जल प्रबंधन कंपनी ने एडवाइजरी करते हुए शहर के लोगों से अपील की है कि जल जनित रोगों से बचाव के लिए पानी को 15 मिनट तक उबाल कर ही प्रयोग में लाएं। गिरि व गुम्मा समेत अन्य परियोजनाओं में सिल्ट अधिक होने से पानी को उबाल कर ही लोग पिएं। बरसात में जल जनित रोगों के बढ़ने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, ऐसे में सुरक्षा के तौर पर पानी को उबालना जरूरी है।