Edited By Kuldeep, Updated: 22 Apr, 2025 06:21 PM

वन विभाग द्वारा वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 का उल्लंघन करके निर्मित सड़कों के नियमितीकरण की मांग को लेकर 10 मई, 2025 से पहले न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जाएगी।
शिमला (ब्यूरो): वन विभाग द्वारा वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 का उल्लंघन करके निर्मित सड़कों के नियमितीकरण की मांग को लेकर 10 मई, 2025 से पहले न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जाएगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ऐसी सड़कों के नियमितीकरण के लिए कानूनी सहायता लेने की आवश्यकता पर बल दिया तथा इस संबंध में विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। राज्यभर में ऐसी 2183 सड़कें हैं, जिनमें शिमला जोन में 613, मंडी जोन में 821, हमीरपुर जोन में 254 तथा कांगड़ा जोन में 495 सड़कें शामिल हैं।
ये सड़कें राज्य में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 के अन्तर्गत निर्मित की गई है, जिसे हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2016 में लागू किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य ऐसे समुदायों को वन अधिकार प्रदान करना है, जो कम से कम तीन पीढ़ियों से वन भूमि पर निवास कर रहे हैं तथा उस पर निर्भर हैं। बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय सूद तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।