Weather Update: मानसून की बारिश से मचने लगी तबाही, 12 जुलाई तक रहेगा यैलो अलर्ट

Edited By Kuldeep, Updated: 06 Jul, 2024 08:52 PM

shimla monsoon rain disaster

मानसून की बारिश अब तबाही मचाने लगी है। हालांकि शनिवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे, लेकिन कहीं पर वर्षा नहीं हुई है, लेकिन पिछले 24 घंटों में जमकर मेघ बरसे हैं, जिससे कई जगहों पर नुक्सान हुआ है।

शिमला (संतोष): मानसून की बारिश अब तबाही मचाने लगी है। हालांकि शनिवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे, लेकिन कहीं पर वर्षा नहीं हुई है, लेकिन पिछले 24 घंटों में जमकर मेघ बरसे हैं, जिससे कई जगहों पर नुक्सान हुआ है। धर्मशाला एडब्ल्यूएस में सबसे अधिक 22, धर्मशाला व पालमपुर में 21-21, कांगड़ा एयरो में 16, बैजनाथ में 14, चम्बा व नगरोटा सूरियां में 9-9, चुवाड़ी, सुजानपुर टीहरा व घमरूर में 7.7, नादौन व बरठीं में 6-6, पंडोह, ऊना, बरठी एग्रो, भोरंज, गुलेर, देहरागोपीपुर व मंडी में 5-5, काहू, संगड़ाह, गोहर व कटौला में 4-4, भुंतर, ऊना रामपुर एडब्ल्यूएस, सुंदरनगर, डल्हौजी, मनाली, पांवटा, घुमारवीं, अम्ब व बंजार में 3-3, सेओबाग, सलूणी, कसौली, खदराला, रेणुका/ददाहू, हमीरपुर एडब्ल्यूएस, मैहरे बड़सर, भरमौर, नारकंडा एडब्ल्यूएस, सराहन, बजौरा, सरकाघाट, नयनादेवी, चौपाल, शिमला, सैंज, रामपुर बुशहर, रोहड़ू, छतराड़ी व तीसा में 2-2, गोंदला, शिलारू, बिलासपुर, करसोग, बीबीएमबी व बिलासपुर सदर में 1-1 सैंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विभाग के अनुसार 12 जुलाई तक यैलो अलर्ट रहेगा। शनिवार को धौलाकुआं में अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री और शिमला में 22.8 डिग्री रिकार्ड किया गया है।

एक एनएच, 88 सड़कें, 180 ट्रांसफार्मर किए दुरुस्त
शनिवार सुबह बंद पड़े एनएच और सड़कों तथा बिजली ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त किया गया है। जिला सिरमौर के तहत एनएच-707 बंद पड़ा था, जिसे दोपहर तक यातायात के लिए खोल दिया गया। 150 बंद सड़कों में 88 सड़कों को ठीक किया गया है। मंडी जिला में 111 सड़कें बंद थीं, जिसमें से 73 सड़क यातायात के लिए बहाल कर दी गई हैं। अब प्रदेश में 62 सड़कें ही बंद हैं और मौसम ने साथ दिया तो इनमें से भी अधिकांश सड़कों को रविवार को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा। सुबह बंद पड़े 334 बिजली ट्रांसफार्मरों में से 180 को ठीक कर दिया है। अब 154 बिजली ट्रांसफार्मर ही बंद हैं, जो जिला मंडी के तहत ठप्प पड़े हैं। वहीं 55 बंद पड़ी पेयजल योजनाओं में से 29 को ठीक कर दिया है और अब 26 योजनाएं ही प्रभावित चल रही हैं। इसमें सबसे अधिक जिला शिमला के ठियोग व कुमारसैन में 22 योजनाएं बंद हैं।

यहां-यहां मची तबाही
कांगड़ा जिला के ज्वाली की देहर खड्ड में बकरियां चलाकर लौट रहे एक व्यक्ति के बहने से मौत हो गई है। सिरमौर जिला में चलती बस पर पत्थर गिरने से 2 लोग जख्मी हुए हैं, जबकि 20 यात्री बाल-बाल बचे। संगड़ाह में शनिवार सुबह पहाड़ी से भारी-भरकम पत्थर बस की छत गिरा और फंस गया। इसमें एक महिला समेत 2 लोगों को चोटें आई हैं। शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश से चम्बा में नाले में मलबा आने से 3 वाहन दब गए और 6 दुकानों और 4 गऊशालाओं में कीचड़ भर गया। गग्गल में कांगड़ा हवाई अड्डे की सुरक्षा दीवार गिर गई। कांगड़ा जिला के चैतड़ू में मांझी खड्ड में बाढ़ आने से किनारे पर बसे 22 प्रवासियों ने मध्य रात्रि भागकर अपनी जान बचाई। खड्ड में आई बाढ़ का पानी झुग्गी-झोंपड़ियों में घुस गया। रैत, शाहपुर में घरों-दुकानों में 2 से 3 फुट तक पानी घुस गया। गग्गल में सड़क का डंगा ढहने से नीचे पार्क किए वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कांगड़ा बस अड्डे के पास भी लोगों के घरों में पानी घुस गया। चम्बा जिला के भलेई और ब्रंगाल पंचायतों के तहत झुटार नाले में पानी के साथ भारी मलबा आने से बाइक, ट्रैक्टर और पिकअप दब गए। नालू, झुटहार गांवों में 6 दुकानें और 4 गऊशालाएं कीचड़ से भर गईं।

सुबह भरमौर-पठानकोट हाईवे केरू पहाड़ के समीप आधे घंटे बंद रहा। मंडी-पठानकोट-हाईवे पर गलू के समीप पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली एनएच पर मंडी-पंडोह, छह मील के पास पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। सुबह सात मील के पास एन.एच. ठप्प रहा। भूस्खलन के बीच मंडी-पंडोह का सफर जोखिम भरा हो गया है। ब्यास के साथ चंद्रा व पार्वती नदी सहित नाले भी उफान पर हैं। लारजी डैम से पानी छोड़ने के बाद पंडोह डैम भी पानी से लबालब हो रहा है। पंडोह डैम में पहुंच रहे पानी के हिसाब से ही पानी छोड़ा जा रहा है। बीबीएमबी प्रबंधन के अनुसार पंडोह डैम में पानी की आवक 21,385 क्यूसेक प्रति सैकेंड है, जबकि 12,385 क्यूसैक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की आवक बढ़ने का असर सीधा जल स्तर पर पड़ रहा है। इससे ब्यास तट पर बसे गांवों व आसपास रह रहे लोगों की चिंता भी बढ़ने लगी है। कुल्लू जिला में भारी बारिश होने के बाद ब्यास नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद सुकेती खड्ड व ब्यास नदी के संगम में जल स्तर पंचवक्त्र महादेव मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों व जलाशयों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।

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