Edited By Kuldeep, Updated: 21 Dec, 2024 07:58 PM
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से मानव भारती विश्वविद्यालय के प्रार्थी छात्रों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एक साथ 29 याचिकाओं का निपटारा करते हुए प्रार्थी छात्रों को सक्षम न्यायालय...
शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से मानव भारती विश्वविद्यालय के प्रार्थी छात्रों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एक साथ 29 याचिकाओं का निपटारा करते हुए प्रार्थी छात्रों को सक्षम न्यायालय के समक्ष मामला दाखिल करने की अनुमति प्रदान कर दी। कोर्ट ने कहा कि इस कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के अनुसार, सभी प्रार्थियों को अपने दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान की गई तथा उन्हें ग्रीन रजिस्टर और प्रकटीकरण सूची तक पहुंच की भी अनुमति दी गई। इस तरह के निरीक्षण के आधार पर, विश्वविद्यालय ने प्रत्येक प्रार्थी छात्र की स्थिति को सारणीबद्ध रूप में रिकॉर्ड पर रखा है। कोर्ट ने कहा कि अधिकांश प्रार्थी छात्रों का कथन विवादित है जिस कारण यह कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसे विवादित प्रश्नों को निर्धारित करने की स्थिति में नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी छात्र अपनी शिकायत के निवारण के लिए सक्षम न्यायालय में जा सकते हैं। जिन प्रार्थियों के खिलाफ विश्वविद्यालय को कोई शिकायत नहीं है, उनके संबंध में कोर्ट ने निर्देश दिए कि उनकी डिग्री और उनके अन्य दस्तावेज उन्हें सौंप दिए जाएं। लेकिन, जांच एजैंसी ऐसे दस्तावेजों की फोटोकॉपी अपने पास रख ले। कोर्ट को इस तथ्य से अवगत कराया गया था कि मानव भारती विश्वविद्यालय द्वारा जारी सभी 7,747 डिग्रियों को सत्यापित करने के लिए सरकार द्वारा संबंधित प्राधिकारी को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा एमबीयू के लगभग 250 छात्रों ने कोर्ट को पत्र लिख कर अपनी वास्तविक डिग्रियां दिलवाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट को बताया गया था कि डिग्रियां न मिलने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा के लिए दाखिला भी नहीं मिल पा रहा है।