Shimla: ट्रांजिट पास दुरुपयोग रोकने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करेगी सरकार : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Apr, 2025 06:29 PM

shimla transit misuse stop

राज्य सरकार ने खनिजों के परिवहन के दौरान ट्रांजिट पास के दुरुपयोग से जुड़ी भ्रष्ट गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया है।

शिमला (ब्यूरो): राज्य सरकार ने खनिजों के परिवहन के दौरान ट्रांजिट पास के दुरुपयोग से जुड़ी भ्रष्ट गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया है। इससे रॉयल्टी में होने वाले नुक्सान को रोका जा सकेगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां उद्योग विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।

उन्होंने खनिजों के परिवहन में फर्जी ट्रांजिट पास के उपयोग पर चिंता व्यक्त की। इसके कारण राज्य सरकार को खनिजों के परिवहन में भारी रॉयल्टी का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पहले नियम-81ए लागू किया था। इस नियम के अंतर्गत ट्रांजिट पास उपलब्ध न होने की स्थिति में पंचायतों और अन्य विकास कार्य करने वाली एजैंसियों से 80 रुपए प्रति टन की रॉयल्टी और 20 रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था। हालांकि इस नियम के कार्यान्वयन पर उच्च न्यायालय की तरफ से रोक लगाई गई है।

इस मामले पर आगामी 25 अप्रैल को सुनवाई होनी है। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए हरसंभव उपाय और वैकल्पिक व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करने के निर्देश दिए, ताकि विकास कार्यों में कोई भी रुकावट न हो और वे समयबद्ध पूरे किए जा सकें। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता अनूप रतन, सचिव विधि शरद कुमार लगवाल, निदेशक उद्योग डा. यूनुस, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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