Shimla: बायोमीट्रिक हाजिरी न लगाने पर होगी वेतन में कटौती

Edited By Kuldeep, Updated: 16 Mar, 2025 05:25 PM

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की कवायद के बीच अगर कोई कर्मचारी इस व्यवस्था के माध्यम से हाजिरी लगाने में आनाकानी करेगा, तो उसके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाएगा।

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की कवायद के बीच अगर कोई कर्मचारी इस व्यवस्था के माध्यम से हाजिरी लगाने में आनाकानी करेगा, तो उसके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाएगा। इसके अलावा नियमों के तहत उक्त कर्मचारी के वेतन में भी कटौती होगी। विश्वविद्यालय में चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत पहले चरण में विश्वविद्यालय में आऊटसोर्स कर्मचारियों की बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगाई जाएगी। इसके बाद अगले चरण में नियमित कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी के दायरे में लाया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्यरत्त आऊटसोर्स कर्मचारियों को अपनी बायोमीट्रिक रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश जारी कर रखे हैं। इसके तहत कम्प्यूटर सैंटर में यह प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। 20 मार्च तक यह बायोमीट्रिक रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा करना होगा। इस तय तिथि तक अगर कोई आऊटसोर्स कर्मचारी बायोमीट्रिक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है, तो उसे वेतन को लेकर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है और उक्त कर्मचारी की हाजिरी मान्य नहीं होगी। 25 मार्च से आऊटसोर्स कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी लगना शुरू हो जाएगी। विश्वविद्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में साफ किया गया है कि बायोमीट्रिक हाजिरी लगाना अनिवार्य है और इसकी अनुपालना करें। हाजिरी को लेकर पारदर्शिता, दक्षता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है।

बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने पर सुबह के समय हाजिरी लगाने के बाद व वापस लौटते समय हाजिरी लगानी होगी। इसको लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है। हाजिरी लगाने के लिए कर्मचारियों को 10 मिनट का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा, लेकिन लगातार कार्यालय देरी से आने पर और समय से पहले कार्यालय से घर लौटने की स्थिति में प्रदेश सरकार की नीति के तहत कार्रवाई होगी। लीव के लिए संबंधित अधिकारी से कर्मचारी को अप्रूवल लेना जरूरी होगा और स्वीकृत लीव कम्प्यूटर सैंटर के कार्यालय में सबमिट करनी होगी, ताकि बायोमीट्रिक मशीन में हाजिरी का रिकॉर्ड अपडेट किया जा सके। बिना अनुमति अवकाश पर जाने की स्थिति में उसे बिना वेतन लीव माना जाएगा।

पहले आऊटसोर्स कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के लिए बाध्य करने पर उठे सवाल
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में नियमित कर्मचारियों के बजाय पहले आऊटसोर्स कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के लिए बाध्य करने पर सवाल उठे हैं। हालांकि आऊटसोर्स कर्मचारी इसका खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि विश्वविद्यालय में 1500 के करीब नियमित कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था फिलहाल शुरू न करते हुए पहले आऊटसोर्स कर्मचारियों को इसके दायरे में लाने से सवाल उठ रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि पहले 200 के करीब आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए पहले चरण में बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू होगी। इसके बाद अगले चरण नियमित कर्मचारियों का बायोमीट्रिक रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद उनकी भी बायोमीट्रिक हाजिरी लगेगी।

वर्ष 2015 में भी लिया था बायोमीट्रिक मशीन लगाने का निर्णय, कर्मचारियों ने किया था विरोध
शिक्षकों व कर्मचारियों को बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगाने का निर्णय ईसी ने वर्ष 2015 में लिया था, लेकिन कर्मचारियों ने इस निर्णय का विरोध किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बायोमीट्रिक मशीनों को लगाकर कर्मचारियों के कार्यालय में समय पर पहुंचने को सुनिश्चित बनाना था। इसके अलावा शिक्षकों का भी विभागों व कक्षाओं में समय पर आने को सुनिश्चित बनाने को लेकर यह निर्णय लिया गया था। विरोध के बाद बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ गया था।

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