Edited By Kuldeep, Updated: 08 Feb, 2025 06:16 PM
यूनिफाइड पैंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में लिखा गया है कि यदि प्रदेश सरकार यूपीएस को लागू करती है तो उसे 1,600 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
शिमला (कुलदीप): यूनिफाइड पैंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में लिखा गया है कि यदि प्रदेश सरकार यूपीएस को लागू करती है तो उसे 1,600 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। यह दूसरा मौका है, जब केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश सरकार को इस बारे पत्र लिखा गया है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश में ओल्ड पैंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू किया था, जिससे प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ मिला था। हालांकि इसकी एवज में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई तरह की आर्थिक पाबंदियां लगाईं, जिसमें ऋण सीमा में कटौती करते हुए इसे 6,600 करोड़ रुपए तय कर दिया।
साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 3 वर्ष में कुल 2,900 करोड़ रुपए लेने की सीमा तय की गई है, जबकि पहले इसके लिए कोई सीमा तय नहीं थी। इतना ही नहीं न्यू पैंशन स्कीम (एनपीएस) से कर्मचारियों के ओपीएस में आने के बाद उनके हिस्से के केंद्र सरकार के पास करीब 9,000 करोड़ रुपए फंसे हैं। इन प्रतिबंधों के बावजूद वर्तमान सरकार ओपीएस को लागू करने के अपने निर्णय पर अटल है। राज्य सरकार का तर्क है कि पुरानी पैंशन से सरकारी कर्मचारी अपना जीवन यापन बेहतर तरीके से बिता सकते हैं। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को राज्य सरकार किस रूप में लेती है।