Shimla: हिमाचल में बढ़ रहा स्तन कैंसर, प्रतिवर्ष आ रहे 220 से 250 मामले

Edited By Kuldeep, Updated: 03 Nov, 2024 10:44 PM

shimla himachal breast cancer

हिमाचल में स्तन कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर बन गया है और प्रतिवर्ष आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में 220 से 250 नए मामले स्तन कैंसर के आ रहे हैं।

शिमला (संतोष कुमार): हिमाचल में स्तन कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर बन गया है और प्रतिवर्ष आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में 220 से 250 नए मामले स्तन कैंसर के आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में जहां हिमाचल में कैंसर के 8978 मामले थे, वहीं 2022 में यह बढ़कर 9164, 2023 में 9373 और 2024 में 9566 हो गए। प्रदेश में सबसे ज्यादा लंग (फेफड़े) कैंसर और ब्रैस्ट (स्तन) कैंसर के मामले देखने को मिल रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबोकॉन के 2020 के अपडेट में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है। तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र आईजीएमसी शिमला में गर्भाश्य ग्रीवा के कैंसर के बाद स्तन कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। 2022 में स्तन कैंसर के 117 नए मामले दर्ज किए गए हैं और पिछले पांच वर्षों में 1000 नए रोगियों का इलाज किया गया है।

दो कारकों पर निर्धारित होता है स्तन कैंसर
स्तन कैंसर का प्रकार 2 कारकों से निर्धारित होता है, जिसमें कैंसर कहां से शुरू हुआ और क्या यह फैल गया है। अधिकांश स्तन कैंसर स्तन नलिकाओं में शुरू होते हैं, जो दूध को निप्पल तक ले जाती है, जिसे डक्टल कैंसर कहा जाता है। स्तन कैंसर स्तन लोब्यूल्स में भी शुरू हो सकता है, जो दूध बनाने वाली ग्रंथियां हैं, इसे लोब्युलर कैंसर कहते हैं।

30 की उम्र से बढ़ता है खतरा, 50 से 64 वर्ष की आयु में होता है चरम पर
विशेषज्ञों के अनुसार स्तन कैंसर से जुड़े जोखिम कारकों को समझना महत्वपूर्ण है। जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में उम्र, मोटापा, शराब का सेवन, पारिवारिक इतिहास, विकिरण जोखिम, प्रजनन इतिहास, तंबाकू का उपयोग और रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोन थैरेपी शामिल है। भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा उनके शुरूआती 30 की आयु से लगातार बढ़ता है और 50 से 64 वर्ष की उम्र के बीच चरम पर होता है। स्तन कैंसर एक इलाज योग्य बीमारी है और जल्दी पता चलने से जीवित रहने की दर में काफी सुधार होता है। शीघ्र निदान में सहायता करने का एक आसान तरीका नियमित स्व-स्तन परीक्षण है, जिसे महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में स्तन ऊतक होते हैं और पुरुषों में भी स्तन कैंसर हो सकता है, लेकिन स्तन कैंसर के लगभग 1 प्रतिशत मामले पुरुषों में होते हैं।

जागरूकता है इससे बचाव का शक्तिशाली हथियार : डा. मनीष
कैंसर अस्पताल के प्रमुख एवं रैडीएशन ऑनकोलॉजी विभाग के एचओडी डा. मनीष गुप्ता ने कहा कि स्तन कैंसर एक वैश्विक चिंता नहीं, अपितु भारत में यह गंभीर मुद्दा बन गया है। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता सबसे शक्तिशाली हथियार है। मिथकों को दूर करने और जोखिम कारकों को समझने से शीघ्र पता लगाने और बेहतर जीवित रहने की दर में सहायता मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन कई महिलाएं अभी भी पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उपचार लेने में देरी करती हैं या स्थानीय डाक्टरों का सहारा लेती हैं, जिससे रोग का निदान बिगड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह संदेश स्पष्ट है कि स्तन कैंसर अब एक इलाज योग्य बीमारी मानी जाती है, यदि इसका समय पर पता चल जाए और समय पर हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है।

आईजीएमसी व एचपीयू की सांझेदारी में हो रहा शोध
बढ़ते मामलों को देखते हुए आईजीएमसी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय आपसी सांझेदारी में शोध भी कर रहे हैं। इस शोध में यह देखा जा रहा है कि खेतों में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों का कितना हिस्सा पानी के स्रोत में जा रहा है, जो कैंसर के मामले बढ़ा रहा है। शोध के नतीजे आगामी कुछ माह में आ सकते हैं।

कैंसर अस्पताल द्वारा आयोजित हो चुकी है पिंकाथॉन
स्तन कैंसर को लेकर लोगों व महिलाओं में जागरूकता लाने के दृष्टिगत आईजीएमसी का रैडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग (कैंसर अस्पताल) शिमला में पिंकाथॉन का भी आयोजन कर चुका है, जिसमें 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह 10 किलोमीटर की दौड़ कैंसर अस्पताल से शुरू होकर रिज मैदान से होती हुई चौड़ा मैदान, एडवांस स्टडी से होकर वापस कैंसर अस्पताल पहुंची, जहां पर पिंकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

स्तन कैंसर के यह होते हैं प्रमुख लक्षण

-स्तन में नई गांठ या मोटा होना।

-स्तन के आकार, आकृति या स्पर्श में बदलाव।

-स्तन या बगल में गांठ या मोटा होना।

-आसपास के ऊतकों में दर्द, बेचैनी और सूजन।

-स्तन कैंसर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें यह हैं:

-स्तन कैंसर के अधिकांश मामले आक्रामक होते हैं। इसका मतलब है कि ट्यूमर स्तन से शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकता है।

-स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राम करवाया जाता है। मैमोग्राम स्तनों का एक्स-रे होता है।

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