हाईकोर्ट ने प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पदों को भरने पर लगाई रोक

Edited By Kuldeep, Updated: 26 Jun, 2023 10:44 PM

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प्रदेश हाईकोर्ट ने लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कालेज नेरचौक, मंडी में प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पदों को भरने पर रोक लगा दी है।

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कालेज नेरचौक, मंडी में प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पदों को भरने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से उक्त मामले में जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 16 अगस्त को निर्धारित की गई है। प्रार्थी डा. शालिनी शर्मा ने अनुबंध के आधार पर भरे जा रहे इन पदों को याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रथम दृष्टया में पाया कि कालेज प्रशासन की ओर से यह भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत है। कोर्ट को बताया गया कि लाल बहादुर शास्त्री कालेज मंडी ने 9 जून 2023 को प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पद भरने बारे विज्ञापन जारी किया है।

इसके अनुसार इन पदों को अनुबंध आधार पर वाक इन इंटरव्यू के जरिये भरने का निर्णय लिया गया है। आरोप लगाया गया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार इन पदों को अनुबंध आधार पर नहीं भरा जा सकता है। 2 दिसम्बर 1999 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत इन पदों को सौ फीसदी पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। यदि पदोन्नति से पद भरने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है तो सीधी भर्ती के तहत भरा जा सकता है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि कालेज में प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत नहीं भरा जा रहा है। अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था की है कि राज्य के अधीन विभिन्न सेवाओं या राज्य के अधीन पदों को भर्ती नियमों के तहत भरा जाए। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया कालेज में प्रोफैसर और एसोसिएट प्रोफैसर के पदों की भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत है।

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