Shimla: हाईकोर्ट से ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली को लेकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत

Edited By Kuldeep, Updated: 01 Jan, 2025 08:38 PM

shimla high court old pension scheme restored

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली को लेकर उन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है जो समय रहते अपना विकल्प 60 दिनों के भीतर नहीं चुन पाए थे।

शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली को लेकर उन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है जो समय रहते अपना विकल्प 60 दिनों के भीतर नहीं चुन पाए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी फूलमती द्वारा दायर याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि विकल्प चुनने के लिए उसमें उल्लिखित अवधि के संबंध में 4 मई 2023 के ज्ञापन की शर्त को याचिकाकर्त्ता जैसे पदधारी के विरुद्ध कठोर तरीके से नहीं लगाया जा सकता क्योंकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शायद ही यह पता होगा कि सरकार द्वारा भी कोई ज्ञापन जारी किया जाता है और उक्त ज्ञापन के दृष्टिगत उसे कोई कदम उठाना होता है।

तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के संबंध में नियोक्ता से कम से कम यह अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे कर्मचारियों को ज्ञापन के बारे में सूचित करें और कुछ उचित समय के भीतर उनके विकल्प मांगें। यदि वे उचित समय के भीतर ऐसा नहीं करते हैं, तो विभाग कानून के अनुसार मामले में आगे बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 4 मई 2023 को अधिसूचना जारी कर ओल्ड पैंशन स्कीम को लागू किया था। इसमें सेवानिवृत कर्मचारियों को 60 दिनों की अवधि के भीतर पैंशन के उपलब्ध विकल्पों में से एक को चुनने का मौका दिया था। प्रार्थी ने रिट याचिका के माध्यम से प्रार्थना की थी कि प्रतिवादियों को आदेश दिया जाए कि वे याचिकाकर्त्ता को अधिसूचना के अनुसार पुरानी पैंशन नियम, 1972 के अंतर्गत नियत तिथि से पैंशन का भुगतान करें, साथ ही सभी प्रासंगिक लाभ भी दें।

सरकार ने याचिकाकर्त्ता की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि चूंकि याचिकाकर्त्ता ने ज्ञापन के अनुसार समय पर अपना विकल्प नहीं चुना और उसने पुरानी पैंशन योजना को चुनने के लिए केवल 4 नवम्बर 2023 को अपना विकल्प प्रस्तुत किया, इसलिए उक्त तथ्य को देखते हुए याचिकाकर्त्ता को पुरानी पैंशन योजना के अंतर्गत पैंशन जारी नहीं की जा सकती। याचिकाकर्त्ता का कहना था कि उसको कभी भी कोई विकल्प चुनने के लिए नहीं कहा गया और यही कारण है कि उसने समय पर विकल्प नहीं चुना। कोर्ट ने रिट याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्त्ता द्वारा 4 नवम्बर 2023 को दिए विकल्प को वैध विकल्प मानने और पैंशन देने के लिए याचिकाकर्त्ता के मामले को आगे बढ़ाने के आदेश जारी किए।

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