Edited By Kuldeep, Updated: 17 Mar, 2025 09:39 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर परिषद जोगिंद्रनगर जिला मंडी द्वारा अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पैंशन नियमित तौर पर जारी न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर परिषद जोगिंद्रनगर जिला मंडी द्वारा अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पैंशन नियमित तौर पर जारी न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन कर कहा कि यह बहुत ही खेद का विषय है कि प्रार्थियों को पैंशन का भुगतान तभी किया जा रहा है जब हाईकोर्ट इस बाबत आदेश जारी कर रहा है। कोर्ट ने नगर परिषद और सरकार में तालमेल की कमी को देखते हुए शहरी विकास विभाग के निदेशक और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को 19 मार्च को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने नगर परिषद के 6 सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए।
80 वर्षीय प्रार्थी नागेन्द्र शर्मा सहित 74 वर्षीय कुलदीप सिंह, 70 वर्षीय बालक राम, 69 वर्षीय सरस्वती राठौर, 68 वर्षीय शिव सिंह सेन और 60 वर्षीय कमला देवी ने आरोप लगाया था कि उन्हें जुलाई, अगस्त, नवम्बर और दिसम्बर 2024 तथा जनवरी 2025 आदि महीनों की पैंशन का भुगतान नहीं किया गया है। नगर परिषद जोगिंद्रनगर की ओर से बताया गया कि प्रार्थियों को पैंशन का भुगतान किया जा चुका है और केवल फरवरी माह की पैंशन का भुगतान किया जाना है। सरकार का कहना था कि नगर परिषद जोगिंद्रनगर को पैंशन का भुगतान नियमित तौर पर करने के आदेश जारी किए गए हैं जबकि नगर परिषद की ओर से कहा गया कि उन्हें करीब 59 लाख रुपए सरकार की ओर से जारी नहीं किए गए हैं इसलिए प्रार्थियों को नियमित तौर पर पैंशन नहीं दी जा रही है।