GST कम होने पर कार्टन के रेट में आएगी इतने रुपए की कमी, बागवानों को मिलेगी राहत

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Jun, 2024 06:49 PM

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कार्टन पर जीएसटी कम होने से सेब के कार्टन के रेट में 4 से 6 रुपए तक की कमी आएगी। इससे बागवानों को राहत मिलेगी तथा सेब उत्पादन की लागत में भी कटौती होगी।

शिमला (भूपिन्द्र): कार्टन पर जीएसटी कम होने से सेब के कार्टन के रेट में 4 से 6 रुपए तक की कमी आएगी। इससे बागवानों को राहत मिलेगी तथा सेब उत्पादन की लागत में भी कटौती होगी। केंद्रीय जीएसटी काऊंसिल ने गत दिन कार्टन पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश के बाद अब आगामी दिनों में इस पर अंतिम फैसला होने के बाद बागवानों को बड़ी राहत मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में सेब की आर्थिकी 5000 करोड़ रुपए की है। राज्य में सेब की आर्थिकी से 9 लाख 60 हजार से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं तथा प्रदेश में सेब की पैदावार वर्ष में 1000 लाख मैन डे रोजगार उपलब्ध करवाता है। लेकिन अब सेब उत्पादन की लागत लगातार बढ़ रही है। इससे बागवानों के लिए सेब की पैदावार लाभ का सौदा नहीं रहा है।

इसे देेखते हुए बागवान व बागवानी संगठन लगातार जहां सरकार पर लागत को कम करने के लिए सबसिडी देने व जीएसटी को कम करने के लिए दबाव बनाते रहते हैं। इसी कड़ी में बागवान सरकार से सेब की पैकिंग के लिए प्रयोग होने वाले कार्टन व अन्य सामग्री पर जीएसटी को कम करने या इसे समाप्त करने की मांग करते आ रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर बागवानों ने पूर्व जयराम सकार के समय सचिवालय का 9 घंटे तक घेराव भी किया था। लगातार मांग के बाद अब जीएसटी काऊंसिल ने बागवानों की मांग को सुनते हुए कार्टन पर लगने वाले जीएसटी में 6 फीसदी की कटौती करने की सिफारिश की है। यदि काऊंसिल की मांग केंद्र सरकार स्वीकार करता है तो इससे बागवानों को थोड़ी राहत मिलेगी। इससे 65 से 70 रुपए में मिलने वाला कार्टन अब करीब 60 से 65 रुपए में मिलेगा।

समाप्त किया जाए जीएसटी : हरीश
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, प्लम ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा और अन्य बागवानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार से सेब, अन्य सभी फलों व कृषि उपकरणों, पैकेजिंग सामग्री, कीटनाशकों व खाद आदि पर जीएसटी को समाप्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि कृषि व बागवानी अब लाभ का सौदा नहीं रहा है, क्योंकि इसकी लागत लगातार बढ़ रही है तथा आय घट रही है। ऐसे में सरकार को किसानों की आय को बढ़ाने के लिए इस तरह के कदम उठाने चाहिए। हालांकि उन्होंने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।

6 फीसदी की कमी नाकाफी : बिष्ट
प्रोग्रैसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकिंद्र बिष्ट, उपाध्यक्ष आशुतोष चौहान, युगा एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत सेहटा, सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर और बागवानों संजीव चौहान व चेत राम नेगी ने जीएसटी में 6 फीसदी की कमी को नाकाफी करार दिया तथा कहा कि हालांकि यह पहल बागवानों व किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि कार्टन व सभी तरह के कृषि उपकरणों पर जीएसटी को समाप्त कर दिया जाता।

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