हिमाचल में पंचायत स्तर पर तेज हुआ ड्रग नैटवर्क की मैपिंग का कार्य

Edited By Kuldeep, Updated: 31 Mar, 2025 07:20 PM

shimla drug network mapping work

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद पंचायत स्तर पर चिट्टा सप्लायर और उसके आदी सहित ड्रग नैटवर्क की मैपिंग का कार्य तेज हो गया है।

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद पंचायत स्तर पर चिट्टा सप्लायर और उसके आदी सहित ड्रग नैटवर्क की मैपिंग का कार्य तेज हो गया है। इसके तहत, पुलिस की टीमों द्वारा नशे के तस्करों और उपभोक्ताओं का विस्तृत डोजियर तैयार करने के लिए स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ ही युवा और महिला मंडलों का भी सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही पुलिस स्टेशनों में चिट्टे के दर्ज मामलों का भी रिकाॅर्ड खंगाला जा रहा है। प्रदेश में करीब 3637 पंचायतें हैं और मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर पंचायत में ड्रग नैटवर्क की मैपिंग के निर्देश दिए हैं। सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को यह प्रक्रिया 20 अप्रैल से पहले पूरी करनी होगी। ऐसे में पुलिस की अलग-अलग टीमें इस काम में लगी हुई हैं।

सरकार ड्रग नैटवर्क की मैपिंग के माध्यम से ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करना चाहती है, जहां नशे का जाल फैला हुआ है। ऐसे में पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद संबंधित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाएगी और जो-जो इस नशे के आदी हैं, उन्हें इस नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। सरकार ने चिट्टे के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश विधानसभा में संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम तथा हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पारित किया था। सरकार का मानना है कि कड़ेे कानूनी प्रावधान किए जाने से चिट्टा तस्करी पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री जता चुके नाराजगी
सरकार ने पहले बीते 15 मार्च तक पंचायत स्तर पर ड्रग नैटवर्क की मैपिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, लेकिन 12 में से कोई भी जिला ये लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है और स्पष्ट निर्देश दिए है कि वह आगामी 20 अप्रैल को फिर से प्रगति की समीक्षा करेंगे और गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

ओवरडोज से हो चुकी कई मौतें
प्रदेश में चिट्टे की ओवरडोज से कई युवाओं की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में चिट्टे के खिलाफ आम जनता भी आगे आने लगी है। कई पंचायतों ने तो चिट्टा तस्करों और उनके आदी की सूचना देने वालों को नकद ईनाम देने तक भी घोषणा की है। प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं है, जहां चिट्टा तस्करी के मामले सामने न आए हो। चिट्टे के खिलाफ पुलिस के कसे शिकंजे से प्रदेश की जेलें भी फुल होने लगी हैं।

सूची हो रही तैयार, होगी कड़ी कारवाई
चिट्टे की तस्करी में संलिप्त पाए गए प्रदेश सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। ऐसे में संलिप्त पाए गए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार हो रही है। गौर हो कि प्रदेश में कई अधिकारी व कर्मचारी चिट्टा तस्करी में संलिप्त पाए गए हैं, जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में चिट्टा माफिया किस कदर अभी जाल फैला रहा है।

क्या बोले, मुख्यमंत्री सुक्खू
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में नशे के नैटवर्क को खत्म करने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है। कड़े कानूनी प्रावधानों के साथ ही पंचायत स्तर पर ड्रग नैटवर्क की मैपिंग की जा रही है। अधिकारियों को नशे से संबंधित गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को आम जनमानस का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।

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