हवलदार विजय पंचतत्व में विलीन, मेरा बेटा देश के काम आ गया कहते-कहते शव से लिपट गई मां

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Aug, 2023 11:03 PM

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राजधानी शिमला से लेकर डिमणी गांव तक हर आंख नम हो गई, जब शहीद हवलदार विजय कुमार का शव हैलीकॉप्टर के माध्यम से पहले अनाडेल और वहां से सेना की एम्बुलैंस से धामी तथा धामी से पैतृक गांव तक 22 जैक राइफल्स के जवानों द्वारा पहुंचाया गया।

धामी/शिमला, (अश्विनी/संतोष): राजधानी शिमला से लेकर डिमणी गांव तक हर आंख नम हो गई, जब शहीद हवलदार विजय कुमार का शव हैलीकॉप्टर के माध्यम से पहले अनाडेल और वहां से सेना की एम्बुलैंस से धामी तथा धामी से पैतृक गांव तक 22 जैक राइफल्स के जवानों द्वारा पहुंचाया गया। वहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। समूची नेहरा पंचायत में शोक की लहर दौड़ गई है और शहीद की शहादत के बाद लोग हताश हो गए हैं। परिजनों का हाल बेहाल है। जानकारी के अनुसार सेना के जवान विजय कुमार पूरे सैनिक सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। वह सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में लेह लद्दाख में सेवारत थे। लद्दाख में शनिवार को हुए एक हादसे में वह शहीद हो गए। वह 33 वर्ष के थे और अपने पीछे पत्नी तथा 6 वर्षीय और 2 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हंै। उनके चचेरे भाई देवीरूप गौतम ने बताया कि विजय कुमार का उद्देश्य सेना में जाकर देश सेवा करना था। 22 जैक के जवानों ने 3 राऊंड फायरिंग करके अपने साथी को अलविदा कहा। विजय के भतीजे और 6 वर्षीय पुत्र ने जब उन्हें मुखाग्नि दी तो सारा इलाका भारत माता की जय और विजय कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा। विजय के अलावा उनके घर मेंउनके बुजुर्ग माता-पिता व बड़े भाई रहते हैं।

विजय कुमार के पिता बाबू राम व माता कौशल्या देवी की सूनी आंखों में अभी भी उनका ही चेहरा घूम रहा है। कौशल्या देवी और शहीद की पत्नी निर्मला देवी शव के आते ही उससे लिपट गईं और उनके रुदन ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। मेरा बेटा देश के काम आ गया कहते कहते कौशल्या देवी देर तक शव से लिपटी रहीं तो दूसरी तरफ उनकी पत्नी निर्मला देवी के आंसू थमे ही नहीं। उन्होंने कहा कि मेरे पति घर पर भी सेना के बारे में ही बात करते थे और उन्हें सेना से बहुत लगाव था। वह चाहते थे कि उनके बेटे दक्ष और अंशुल भी बड़े होकर सेना में जाएं। निर्मला देवी की आंखों में एक तरफ पति से हमेशा के लिए बिछडऩे का दर्द तो दूसरी तरफ पति की शहादत का गर्व साफ झलक रहा था। लोक निर्माण, युवा सेवाएं व खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शहीद वीर सैनिक विजय को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति विजय कुमार की समृद्ध सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।

पिता बोले, देश का बेटा देश की मिट्टी में समा गया
शहीद के शव के पहुंचने के बाद ऐसा लगा जैसे पूरा इलाका रो पड़ा हो। उनके पिता बाबू राम जवान बेटे की शहादत पर बोले कि देश की मिट्टी का बेटा देश की माटी में ही समा गया। वह तो चला गया लेकिन गांव, परिवार व देश उसे हमेशा एक आज्ञाकारी और देशभक्त जवान के रूप में याद रखेगा।

शहीद के सम्मान में दुकानें रखी बंद
धामी में स्कूल स्टाफ, नायब तहसीलदार सहित सभी अन्य कर्मियों, पुलिस विभाग, विद्युत विभाग के कर्मियों, स्थानीय युवाओं व नागरिकों सहित सभी व्यापारियों ने भी दुकानें बंद कर शहीद के प्रति सम्मान प्रकट किया और फूलों की वर्षा करके शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की। डिमणी गांव में आसपास की पंचायतों से आए एक हजार से भी अधिक लोगों ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया।

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